पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. फिलहाल वह विदेश नहीं जा सकेंगे. अब सुप्रीम कोर्ट 1 नवंबर को यह तय करेगा कि कार्ति के खिलाफ सीबीआई की सील बंद रिपोर्ट वह देख सकता है या नहीं. कोर्ट ने कहा कि इसके बाद ही लुकआउट सर्कुलर के मुद्दे पर विचार किया जाएगा.
यह भी पढ़ें : सीबीआई का सुप्रीम कोर्ट में दावा: कार्ति चिदंबरम अपने विदेशी बैंक खाते बंद कर रहे थे
'मेरे खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर है, कोई सबूत नहीं'कार्ति ने कोर्ट में कहा था कि वह विदेश नहीं जा रहे, इसलिए मामले में बड़े मुद्दे पर पहले फैसला किया जाए. कार्ति चिंदबरम लुकआउट सर्कुलर मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से कार्ति के विदेश जाने का कड़ा विरोध किया गया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोर्ट कोई भी फैसला लेने से पहले सीलबंद कवर में दिए सबूतों को देखे. इसमें संपत्ति का ब्योरा और बैंक खातों का ब्योरा शामिल है. वहीं कार्ति की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि वह कानून से भगोड़े नहीं हैं. उनके खिलाफ सिर्फ एक FIR है कोई सबूत नहीं हैं.
यह भी पढ़ें : झूठी सूचना फैला रही है सीबीआई : पी चिदंबरम
पी. चिदंबरम ने दायर किया था हलफनामा
इससे पहले कार्ति के बचाव में उनके पिता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्ति को निशाना बनाया जा रहा है. पूर्व वित्त मंत्री ने अपने हलफनामे में कहा कि जब से NDA सरकार सत्ता में आई है, वह राजनीतिक बदले की भावना से उनके और परिवार के खिलाफ खासकर बेटे कार्ति चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है. कार्ति चिंदबरम की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि उनकी बेटी के शिक्षण संबंधी काम के लिए उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जाना है. ऐसे में उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी जाए. कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि वह विदेश जाकर बैंक संबंधी कोई काम नहीं करेंगे.
VIDEO: पूछताछ के लिए पेश हुए कार्ति चिदंबरम
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अगर आप इन दस्तावेजों को देखेंगे तो चकित रह जाएंगे कि कैसे कार्ति चिंदबरम ने विदेश जाकर सबूतों को नष्ट किया. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिंदबरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि कार्ति चिंदबरम ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे की लेनदेन की और खातों को बंद कर दिया.
लुकआउट सर्कुलर का मतलब गिरफ्तारी नहीं
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लुकआउट सर्कुलर का मतलब यह नहीं की कार्ति को गिरफ्तार किया जाए, बल्कि यह की उनको विदेश जाने से रोका जाए. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि सर्कुलर केवल दो बातों के लिए जारी किया गया था. पहला की वह कानून की पहुंच से दूर न जा सके और दूसरा विदेश जाकर सबूतों से छेड़छाड़ न करें.
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'मेरे खिलाफ सिर्फ एक एफआईआर है, कोई सबूत नहीं'कार्ति ने कोर्ट में कहा था कि वह विदेश नहीं जा रहे, इसलिए मामले में बड़े मुद्दे पर पहले फैसला किया जाए. कार्ति चिंदबरम लुकआउट सर्कुलर मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई की तरफ से कार्ति के विदेश जाने का कड़ा विरोध किया गया था. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोर्ट कोई भी फैसला लेने से पहले सीलबंद कवर में दिए सबूतों को देखे. इसमें संपत्ति का ब्योरा और बैंक खातों का ब्योरा शामिल है. वहीं कार्ति की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि वह कानून से भगोड़े नहीं हैं. उनके खिलाफ सिर्फ एक FIR है कोई सबूत नहीं हैं.
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पी. चिदंबरम ने दायर किया था हलफनामा
इससे पहले कार्ति के बचाव में उनके पिता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि राजनीतिक बदले की भावना से कार्ति को निशाना बनाया जा रहा है. पूर्व वित्त मंत्री ने अपने हलफनामे में कहा कि जब से NDA सरकार सत्ता में आई है, वह राजनीतिक बदले की भावना से उनके और परिवार के खिलाफ खासकर बेटे कार्ति चिदंबरम को निशाना बनाया जा रहा है. कार्ति चिंदबरम की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि उनकी बेटी के शिक्षण संबंधी काम के लिए उन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी जाना है. ऐसे में उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी जाए. कार्ति ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया कि वह विदेश जाकर बैंक संबंधी कोई काम नहीं करेंगे.
VIDEO: पूछताछ के लिए पेश हुए कार्ति चिदंबरम
पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि अगर आप इन दस्तावेजों को देखेंगे तो चकित रह जाएंगे कि कैसे कार्ति चिंदबरम ने विदेश जाकर सबूतों को नष्ट किया. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कार्ति चिंदबरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि कार्ति चिंदबरम ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे की लेनदेन की और खातों को बंद कर दिया.
लुकआउट सर्कुलर का मतलब गिरफ्तारी नहीं
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लुकआउट सर्कुलर का मतलब यह नहीं की कार्ति को गिरफ्तार किया जाए, बल्कि यह की उनको विदेश जाने से रोका जाए. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि सर्कुलर केवल दो बातों के लिए जारी किया गया था. पहला की वह कानून की पहुंच से दूर न जा सके और दूसरा विदेश जाकर सबूतों से छेड़छाड़ न करें.
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