लुक आउट सर्कुलर मामले में कार्ति चिदम्बरम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम के लुक आउट सर्कुलर मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर आप इन दस्तावेजों को देखेंगे तो चकित रह जाएंगे कि कैसे कार्ति चिदम्बरम ने विदेश जा कर सबूतों को नष्ट किया. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि क्या सीबीआई ऐसे दस्तावेज कोर्ट को दे सकती है जो कार्ति को नहीं दिए गए. अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कार्ति चिदम्बरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि कार्ति चिदम्बरम ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे की लेनदेन की और खातों को बंद कर दिया है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लुक आउट सर्कुलर का मतलब ये नहीं कि कार्ति चिदम्बरम को गिरफ्तार किया जाए बल्कि ये कि उनको विदेश जाने से रोका जाए.
सीबीआई का सुप्रीम कोर्ट में दावा: कार्ति चिदंबरम अपने विदेशी बैंक खाते बंद कर रहे थे
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि सर्कुलर केवल दो बातों के लिए जारी किया गया था. पहला कि वो कानून की पहुंच से दूर न जा सके और दूसरा विदेश जा कर सबूतों के साथ छेड़छाड़ न कर सके. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर कार्ति चिदम्बरम विदेश जाते हैं तो उसके तीन दिन पहले जांच अधिकारी को बताएंगे. ऐसे में आप जो शर्ते उन पर लगाना चाहते है आप लगा सकते हैं. क्या इस केस को हाईकोर्ट की बेंच के पास भेजा जा सकता है जहां ये केस साबित है. तब सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि उन्हें कुछ समय दिया जाए.
कार्ति चिदम्बरम लुक आउट सर्कुलर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई में कार्ति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नही मिली थी. वहीं सीबीआई ने कार्ति के विदेश जाने का विरोध किया था.
VIDEO: CBI के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए कार्ति
सीबीआई ने कार्ति के विदेश जाने का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने एजेंसी को विदेश में एक बैंक अकाउंट बताया है लेकिन FIU की रिपोर्ट के मुताबिक उनके विदेश में कई खाते हैं. इन खातों से बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है. एजेंसी ने कहा कि कार्ति पिछली बार ये विदेश गए तो कई खाते बंद कर आए.
दूसरी ओर कार्ति की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इतने सबूत हैं तो कालेधन मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इससे पहले की सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि कार्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने के पीछ ठोस वजह है. उनकी विदेशों में कई जगह संपत्ति हैं और एक नहीं बल्कि कई कंपनियों में शेयर हैं.
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कार्ति चिदम्बरम जब विदेश गए थे तो उन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि कार्ति चिदम्बरम ने अपने विदेशी बैंक खातों से पैसे की लेनदेन की और खातों को बंद कर दिया है. सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि लुक आउट सर्कुलर का मतलब ये नहीं कि कार्ति चिदम्बरम को गिरफ्तार किया जाए बल्कि ये कि उनको विदेश जाने से रोका जाए.
सीबीआई का सुप्रीम कोर्ट में दावा: कार्ति चिदंबरम अपने विदेशी बैंक खाते बंद कर रहे थे
सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि सर्कुलर केवल दो बातों के लिए जारी किया गया था. पहला कि वो कानून की पहुंच से दूर न जा सके और दूसरा विदेश जा कर सबूतों के साथ छेड़छाड़ न कर सके. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अगर कार्ति चिदम्बरम विदेश जाते हैं तो उसके तीन दिन पहले जांच अधिकारी को बताएंगे. ऐसे में आप जो शर्ते उन पर लगाना चाहते है आप लगा सकते हैं. क्या इस केस को हाईकोर्ट की बेंच के पास भेजा जा सकता है जहां ये केस साबित है. तब सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि उन्हें कुछ समय दिया जाए.
कार्ति चिदम्बरम लुक आउट सर्कुलर मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई चल रही है. पिछली सुनवाई में कार्ति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नही मिली थी. वहीं सीबीआई ने कार्ति के विदेश जाने का विरोध किया था.
VIDEO: CBI के सामने पूछताछ के लिए पेश हुए कार्ति
सीबीआई ने कार्ति के विदेश जाने का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने एजेंसी को विदेश में एक बैंक अकाउंट बताया है लेकिन FIU की रिपोर्ट के मुताबिक उनके विदेश में कई खाते हैं. इन खातों से बड़ी रकम का लेनदेन हुआ है. एजेंसी ने कहा कि कार्ति पिछली बार ये विदेश गए तो कई खाते बंद कर आए.
दूसरी ओर कार्ति की ओर से उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि इतने सबूत हैं तो कालेधन मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इससे पहले की सुनवाई में सीबीआई ने कोर्ट में कहा था कि कार्ति के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने के पीछ ठोस वजह है. उनकी विदेशों में कई जगह संपत्ति हैं और एक नहीं बल्कि कई कंपनियों में शेयर हैं.
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