कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (BS Yeddyurappa) को आज विधानसभा में बहुमत साबित करना है. जेडीएस और कांग्रेस के 17 बाग़ी विधायकों को अयोग्य क़रार दिए जाने के बाद बहुमत का आंकड़ा 105 रह गया है. अकेले बीजेपी के पास यह आंकड़ा मौजूद है, साथ ही एक निर्दलीय विधायक का भी साथ है. ऐसे में येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी. वहीं कांग्रेस और JDS के पास स्पीकर समेत 100 विधायक हैं. बीजेपी ने जेडीएस को बाहर से समर्थन का ऑफ़र भी दिया है साथ ही बीजेपी ने बाग़ी विधायकों को अदालती लड़ाई में समर्थन देने की बात भी कही है. दल-बदल क़ानून के तहत अयोग्य ठहराए गए 17 बाग़ी विधायक स्पीकर के फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा सकते हैं. अयोग्य विधायक अदालत से मामले में जल्द सुनवाई की भी मांग कर सकते हैं.. कर्नाटक विधान सभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने दलबदल क़ानून के तहत जेडीएस कॉन्ग्रेस के 14 बचे हुए विधयाको को भी अयोग्य घोषित कर दिया इस तरह सभी 17 बागी विधायक अब कर्नाटक विधान सभा के सदस्य नही रहे. उन्होंने 3 विधायकों को शुक्रवार को निष्कासित किया था.
Karnataka Floor Test से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- 17 विधायकों के निष्कासन से बीजेपी ने राहत की सांस ली है. क्योंकि सभी 17 विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करना आसान नहीं था. कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद ये सभी कांग्रेस-जेडीएस के बागी बीजेपी के लिए एक लायबिलिटी यानी बोझ बन गए थे.
- अब कर्नाटक विधानसभा के आंकड़े कुछ ऐसे हो गए हैं कि विधान सभा की कुल संख्या-225, 17 विधायक निष्कासित यानी अब ये संख्या 225 से घट कर 208 हो गई. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 105 का है.
- बीजेपी के पास एक निर्दलीय समेत 106 यानी बहुमत से एक ज़्यादा है जबकि कांग्रेस जेडीएस गठबंधन के पास स्पीकर समेत 100 विधायक हैं. एक नॉमिनेटेड और दूसरा बीएसपी का बाग़ी जो कॉन्ग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ है.
- वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्या का कहना है कि बीएस येदियुरप्पा को बहुमत नहीं है. हाउस में वोटिंग के वक़्त जो लोग रहेंगे वही वोट देंगे. क्या पता बीजेपी वाले ही येदियुरप्पा के खिलाफ वोट दे दें.
- सदन में विश्वास मत से पहले विश्वास से लबरेज दिख रहे येदियुरप्पा ने कहा कि वित्त विधेयक विश्वासमत हासिल करने के बाद पारित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसमें कोई बदलाव नहीं किया है। मैं (पूर्ववर्ती) कांग्रेस...जदएस सरकार द्वारा तैयार वित्त विधेयक पेश करूंगा.'' उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार को वह बहुमत साबित कर देंगे.
- निष्कासन के बाद अब बागियों को अपनी राह खुद तलाशनी है. जिन्हें न तो अब मंत्रालय मिलेगा न ही पार्टी उन्हें वापस लेने को तैयार है. हालांकि, बागी विधायकों ने कहा कि वे स्पीकर के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे.
- अयोग्य ठहराये गए विधायक हैं: प्रताप गौड़ा पाटिल, बी सी पाटिल, शिवराम हेब्बर, एस टी सोमशेखर, बी बसावराज, आनंद सिंह, रोशन बेग, मुनीरत्न, के. सुधाकर और एम टी बी नागराज और श्रीमंत पाटिल (सभी कांग्रेस के)।.
- अन्य पार्टी विधायकों रमेश जरकीहोली, महेश कुमातली और शंकर को बृहस्पतिवार को अयोग्य ठहराया गया था. कार्रवाई का सामना करने वाले जद(एस) के विधायकों में गोपालैयाह, ए एच विश्वनाथ और नारायण गौड़ा हैं.
- अयोग्य घोषित किए गए विधायक प्रताप गौड़ा पाटिल ने मतदाताओं के लिए जारी एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘प्रिय मतदाताओं और मेरे शुभचिंतको, विधानसभा अध्यक्ष ने मुझे विधानसभा से अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी किया है...घबराने की कोई जरूरत नहीं है, हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रहे हैं.''
- गौरतलब है कि एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार द्वारा पेश विश्वास मत पर मतविभाजन के समय 20 विधायकों के अनुपस्थित रहने से उनकी सरकार गिर गई थी. इन 20 विधायकों में 17 बागियों के अलावा एक एक विधायक कांग्रेस और बीएसपी से, जबकि एक निर्दलीय था.
इनपुट : भाषा