कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच बुधवार रात बेंगलुरु में छत्रपति शिवाजी की एक मूर्ति पर स्याही फेंक दी गई, जिसके बाद तनाव के चलते बेलागवी में बड़ी सभाओं पर बैन लगा दिया गया. बढ़ते तनाव को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने शनिवार सुबह 6 बजे से अगली सुबह तक बेलगावी में धारा 144 लगा दी है. सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. बता दें, इस आधार पर बेलगावी का महाराष्ट्र में विलय करने की मांग की जाती रही है कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में मराठी भाषी लोग रहते हैं.
महाराष्ट्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने बीती रात बेलगावी के संभाजी सर्किल में विरोध प्रदर्शन किया और शिवाजी की प्रतिमा पर स्याही फेंगने वालों की गिरफ्तारी की मांग की. विरोध हिंसक हो गया और पथराव में एक दर्जन से अधिक सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया.
साथ ही, बेलगावी में स्वतंत्रता सेनानी संगोली रायन्ना की प्रतिमा को कल रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया.
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कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा, 'मैंने पुलिस को निर्देश दिया है कि शुक्रवार की रात बेलगावी में सांगोली रायन्ना की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. बेंगलुरु में शिवाजी की प्रतिमा पर स्याही फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मैं लोगों से अपील करता हूं कि सियासत के चलते शिवाजी महाराज और संगोली रायन्ना जैसे दिग्गजों का अपमान न करें.'
विवाद में तनाव बढ़ गया, जब 13 दिसंबर को महाराष्ट्र एकीकरण समिति ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. इस समिति की मांग है कि बेलगावी को महाराष्ट्र के साथ एकीकृत किया जाए. बता दें, कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र बेलगावी में हो रहा है. इसके बाद, कन्नड़ समर्थक संगठनों के सदस्यों ने महाराष्ट्र एकीकरण समिति के दीपक दलवी के चेहरे पर स्याही पोत दी, जिसके बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया.
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फिर मंगलवार को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में समिति के समर्थकों द्वारा कन्नड़ ध्वज को कथित तौर पर जला दिया गया था. अगली रात, बेंगलुरु में शिवाजी की प्रतिमा पर स्याही फेंक दी. मूर्ति पर स्याही डालते एक शख्स का वीडियो वायरल हो गया है.
कर्नाटक विधानसभा ने कोल्हापुर में कन्नड़ झंडे को जलाने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए इसे महाराष्ट्र सरकार को भेजने का फैसला किया है.
दूसरी ओर, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिवाजी की प्रतिमा को कलंकित करने की निंदा की है.
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जहां एक तरफ पीएम मोदी ने काशी में छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान किया, वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक में हमारे महाराज का अपमान किया गया. ये दृश्य बीजेपी शासित कर्नाटक के बेंगलुरु के हैं. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.'
While on one hand , PM Modi honored Chhatrapati Shivaji Maharaj in Kashi, and on the other hand our Maharaj is insulted in Karnataka...These angering scenes are from BJP ruled Karnataka's Bengaluru.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) December 18, 2021
We strongly condemn this !!
High time the Hindus Arise and awake !! pic.twitter.com/HE5QdFcsxA
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