कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष जी परमेश्वर.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) की सरकार गठित होने जा रही है. जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उप मुख्यमंत्री कांग्रेस से हो सकता है और दो डिप्टी सीएम बनाए जाने की भी चर्चा चल रही है. इस पद के लिए सबसे ऊपर जी परमेश्वर का नाम है. परमेश्वर कांग्रेस का दलित चेहरा माने जाते हैं. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष परमेश्वर सन 2015 से 2017 तक कर्नाटक के गृह मंत्री रहे हैं. उनको राजनीति में आने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रेरित किया था.
उच्च शिक्षित जी परमेश्वर के अचानक सक्रिय राजनीति में आ जाने की दास्तान दिलचस्प है. सन 1989 में जी परमेश्वर के पिता के शिक्षा संस्थान श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन होना था. परमेश्वर शिक्षा मंत्री एसएम याहया और श्री सिद्धार्थ एजुकेशन सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मिले. वे उन्हें उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करने के लिए गए थे. इसी सिलसिले में परमेश्वर जब तीसरी बार राजीव गांधी से मिले तो उन्होंने परमेश्वर से कहा कि उन्हें राजनीति में आना चाहिए. इसके बाद एमएम याहया उन्हें तत्कालीन कांग्रेस महासचिव मोहसिना किदवई के पास ले गए. उन्होंने परमेश्वर को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस का ज्वाइंट सेक्रेटरी बना दिया. इस तरह कृषि विज्ञान में उच्च शिक्षित परमेश्वर की राजनीति की पारी शुरू हो गई. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा और राजनीति की सीढ़ियां लगातार चढ़ते चले गए.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक: येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर इस्तीफा दिया, 10 बातें
सन 1989 में पमेश्वर पहली बार एमएलए चुने गए. मधुगिरी विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने जनता दल के सी राजवर्धन को पराजित किया. सन 1993 में वीरप्पा मोइली के मंत्रिमंडल में वे राज्यमंत्री- सेरीकल्चर (रेशम उत्पादन) बनाए गए. साल 1999 के विधानसभा चुनाव में मधुगिरी सीट पर परमेश्वर ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने 55802 वोटों से चुनाव जीता. यह उस साल की सबसे बड़ी चुनावी जीत थी. परमेश्वर ने 71895 और उनके प्रतिद्वंदी जनता दल सेक्युलर के गंगाहनुमैया ने 16093 मत हासिल किए. वे 1999 से 2004 तक एसएम कृष्णा के मंत्रिमडल में उच्च शिक्षा, विज्ञान और तकनीक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे. 18 अगस्त 2001 को उन्हें मेडिकल एजुकेशन के राज्यमंत्री का प्रभार भी दे दिया गया. एसएम कृष्णा ने 27 जून 2002 को परमेश्वर को कैबिनेट मंत्री बना दिया. 13 दिसंबर 2003 को उन्हें सूचना और प्रचार मंत्रालय का जिम्मा दिया गया.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक : बीएस येदियुरप्पा के लिए तीसरी बार भी मुख्यमंत्री की कुर्सी बेवफा साबित हुई
सन 2004 में मधुगिरी सीट पर परमेश्वर ने जदएस के केंचामरैया एच को पराजित किया. सन 2008 में उन्होंने कोरतागेरे से चुनाव जीता. 27 अक्टूबर 2010 को उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. साल 2013 में कोरतागेरे सीट पर परमेश्वर को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय जी परमेश्वर को ही दिया गया था लेकिन पराजित होने के कारण वे मुख्यमंत्री नहीं बन सके जबकि वे इस पद के प्रबल दावेदार थे. जुलाई 2014 को परमेश्वर विधान परिषद के लिए एमएलसी चुने गए और 30 अक्टूबर 2015 को उन्हें गृह मंत्री नियुक्त किया गया. 24 जून 2017 को पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. 15 मई 2018 को जी परमेश्वर कोरतागेरे से विधायक चुने गए.
यह भी पढ़ें : कुमारस्वामी को पिता एचडी देवेगौड़ा की महत्वाकांक्षाएं ले आईं राजनीति में
जी परमेश्वर कांग्रेस पार्टी संगठन में भी महत्वपूर्ण दायित्व निभाते रहे हैं. सन 1989 से 1992 तक वे कर्नाटक कांग्रेस के ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे. सन 1992 से 1997 तक वे प्रदेश कांग्रेस के महासचिव पद पर रहे. उन्हें 1997 में पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया और वे इस पद पर 1999 तक रहे. साल 2010 में उन्हें कर्नाटक कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा 2010 से 2017 तक वे पार्टी की प्रदेश इकाई की प्रचार समिति के अध्यक्ष भी रहे.
जी परमेश्वर गंगाधरैया का जन्म 6 अगस्त 1951 को तुमकर के गोल्लाहल्ली, जिसका नाम अब सिद्धार्थ नगर है, में हुआ. वे जी परमेश्वर के नाम से पहचाने जाते हैं. उनके माता-पिता का नाम गंगामलम्मा चिक्कान्ना और गंगाधरैया हेब्बालालु मरियप्पा है.
यह भी पढ़ें : क्लर्क से सीएम पद तक पहुंचे येदियुरप्पा, जानिए उनके बारे में सबकुछ
परमेश्वर की प्राथमिक शिक्षा तुमकर के सिद्धार्थ नगर और हेग्गेरे में हुई. वे श्री सिद्धार्थ हाईस्कूल में पढ़े जिसकी स्थापना उनके पिता ने की थी. इसके बाद तुमकर के सरकारी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में अध्ययन करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में बीएससी और फिर एमएससी की. बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. विद्यार्थी जीवन के दौरान परमेश्वर एनसीसी कैडेट रहे और धावक भी रहे. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया. एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में उन्होंने 10.9 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ने का रिकॉर्ड बनाया. ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद वे श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के एडमिनिस्ट्रेटिव आफीसर बने.
सन 1988 के मध्य में परमेश्वर ने श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और रिसर्च सेंटर की स्थापना में अपने पिता की मदद की. इस कॉलेज के प्रस्ताव को पहले मेडिकल काउंसिल और रामकृष्ण हेगड़े सरकार ने निरस्त कर दिया था. हालांकि बेंगलौर यूनिवर्सिटी ने इसे मान्यता दी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी कॉलेज को इजाजत दे दी.
VIDEO : कर्नाटक में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा
परमेश्वर ने अपने दोस्त की बहन कनिका परमेश्वरी से शादी की. परमेश्वरी से उनकी मुलाकात उस समय हुई थी जब वे गांधी कृषि विज्ञान केंद्र में पढ़ रहे थे. सन 1982 में उन्होंने तुमकर में बौद्ध पद्धति से विवाह कर लिया. उनकी एक बेटी शाना है जो कि लंदन में रहती है. परमेश्वर बौद्ध धर्म और बुद्ध दर्शन को मानते हैं. परमेश्वर कला संग्राहक भी हैं और इसके लिए अलग-अलग स्थानों के दौरे भी करते रहते हैं.
कर्नाटक की कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर गठबंधन सरकार में दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही है. इनमें से एक उप मुख्यमंत्री के रूप में जी परमेश्वर की नियुक्ति तय मानी जा रही है. सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की मुलाकात के बाद अंतिम रूप से कर्नाटक सरकार का स्वरूप और उप मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों के नाम सामने आने की संभावना है.
उच्च शिक्षित जी परमेश्वर के अचानक सक्रिय राजनीति में आ जाने की दास्तान दिलचस्प है. सन 1989 में जी परमेश्वर के पिता के शिक्षा संस्थान श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन होना था. परमेश्वर शिक्षा मंत्री एसएम याहया और श्री सिद्धार्थ एजुकेशन सोसायटी के तत्कालीन अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से मिले. वे उन्हें उद्घाटन समारोह में आमंत्रित करने के लिए गए थे. इसी सिलसिले में परमेश्वर जब तीसरी बार राजीव गांधी से मिले तो उन्होंने परमेश्वर से कहा कि उन्हें राजनीति में आना चाहिए. इसके बाद एमएम याहया उन्हें तत्कालीन कांग्रेस महासचिव मोहसिना किदवई के पास ले गए. उन्होंने परमेश्वर को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस का ज्वाइंट सेक्रेटरी बना दिया. इस तरह कृषि विज्ञान में उच्च शिक्षित परमेश्वर की राजनीति की पारी शुरू हो गई. इसके बाद उन्होंने पलटकर नहीं देखा और राजनीति की सीढ़ियां लगातार चढ़ते चले गए.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक: येदियुरप्पा ने विश्वास मत का सामना किये बगैर इस्तीफा दिया, 10 बातें
सन 1989 में पमेश्वर पहली बार एमएलए चुने गए. मधुगिरी विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने जनता दल के सी राजवर्धन को पराजित किया. सन 1993 में वीरप्पा मोइली के मंत्रिमंडल में वे राज्यमंत्री- सेरीकल्चर (रेशम उत्पादन) बनाए गए. साल 1999 के विधानसभा चुनाव में मधुगिरी सीट पर परमेश्वर ने रिकॉर्ड जीत हासिल की. उन्होंने 55802 वोटों से चुनाव जीता. यह उस साल की सबसे बड़ी चुनावी जीत थी. परमेश्वर ने 71895 और उनके प्रतिद्वंदी जनता दल सेक्युलर के गंगाहनुमैया ने 16093 मत हासिल किए. वे 1999 से 2004 तक एसएम कृष्णा के मंत्रिमडल में उच्च शिक्षा, विज्ञान और तकनीक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे. 18 अगस्त 2001 को उन्हें मेडिकल एजुकेशन के राज्यमंत्री का प्रभार भी दे दिया गया. एसएम कृष्णा ने 27 जून 2002 को परमेश्वर को कैबिनेट मंत्री बना दिया. 13 दिसंबर 2003 को उन्हें सूचना और प्रचार मंत्रालय का जिम्मा दिया गया.
यह भी पढ़ें : कर्नाटक : बीएस येदियुरप्पा के लिए तीसरी बार भी मुख्यमंत्री की कुर्सी बेवफा साबित हुई
सन 2004 में मधुगिरी सीट पर परमेश्वर ने जदएस के केंचामरैया एच को पराजित किया. सन 2008 में उन्होंने कोरतागेरे से चुनाव जीता. 27 अक्टूबर 2010 को उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. साल 2013 में कोरतागेरे सीट पर परमेश्वर को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय जी परमेश्वर को ही दिया गया था लेकिन पराजित होने के कारण वे मुख्यमंत्री नहीं बन सके जबकि वे इस पद के प्रबल दावेदार थे. जुलाई 2014 को परमेश्वर विधान परिषद के लिए एमएलसी चुने गए और 30 अक्टूबर 2015 को उन्हें गृह मंत्री नियुक्त किया गया. 24 जून 2017 को पार्टी की प्रचार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. 15 मई 2018 को जी परमेश्वर कोरतागेरे से विधायक चुने गए.
यह भी पढ़ें : कुमारस्वामी को पिता एचडी देवेगौड़ा की महत्वाकांक्षाएं ले आईं राजनीति में
जी परमेश्वर कांग्रेस पार्टी संगठन में भी महत्वपूर्ण दायित्व निभाते रहे हैं. सन 1989 से 1992 तक वे कर्नाटक कांग्रेस के ज्वाइंट सेक्रेटरी रहे. सन 1992 से 1997 तक वे प्रदेश कांग्रेस के महासचिव पद पर रहे. उन्हें 1997 में पार्टी का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया और वे इस पद पर 1999 तक रहे. साल 2010 में उन्हें कर्नाटक कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया. इसके अलावा 2010 से 2017 तक वे पार्टी की प्रदेश इकाई की प्रचार समिति के अध्यक्ष भी रहे.
जी परमेश्वर गंगाधरैया का जन्म 6 अगस्त 1951 को तुमकर के गोल्लाहल्ली, जिसका नाम अब सिद्धार्थ नगर है, में हुआ. वे जी परमेश्वर के नाम से पहचाने जाते हैं. उनके माता-पिता का नाम गंगामलम्मा चिक्कान्ना और गंगाधरैया हेब्बालालु मरियप्पा है.
यह भी पढ़ें : क्लर्क से सीएम पद तक पहुंचे येदियुरप्पा, जानिए उनके बारे में सबकुछ
परमेश्वर की प्राथमिक शिक्षा तुमकर के सिद्धार्थ नगर और हेग्गेरे में हुई. वे श्री सिद्धार्थ हाईस्कूल में पढ़े जिसकी स्थापना उनके पिता ने की थी. इसके बाद तुमकर के सरकारी प्री यूनिवर्सिटी कॉलेज में अध्ययन करने के बाद उन्होंने बेंगलुरु की एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चर में बीएससी और फिर एमएससी की. बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एडिलेड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. विद्यार्थी जीवन के दौरान परमेश्वर एनसीसी कैडेट रहे और धावक भी रहे. उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लिया. एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी में उन्होंने 10.9 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ने का रिकॉर्ड बनाया. ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद वे श्री सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के एडमिनिस्ट्रेटिव आफीसर बने.
सन 1988 के मध्य में परमेश्वर ने श्री सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और रिसर्च सेंटर की स्थापना में अपने पिता की मदद की. इस कॉलेज के प्रस्ताव को पहले मेडिकल काउंसिल और रामकृष्ण हेगड़े सरकार ने निरस्त कर दिया था. हालांकि बेंगलौर यूनिवर्सिटी ने इसे मान्यता दी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी कॉलेज को इजाजत दे दी.
VIDEO : कर्नाटक में कौन होगा कांग्रेस का चेहरा
परमेश्वर ने अपने दोस्त की बहन कनिका परमेश्वरी से शादी की. परमेश्वरी से उनकी मुलाकात उस समय हुई थी जब वे गांधी कृषि विज्ञान केंद्र में पढ़ रहे थे. सन 1982 में उन्होंने तुमकर में बौद्ध पद्धति से विवाह कर लिया. उनकी एक बेटी शाना है जो कि लंदन में रहती है. परमेश्वर बौद्ध धर्म और बुद्ध दर्शन को मानते हैं. परमेश्वर कला संग्राहक भी हैं और इसके लिए अलग-अलग स्थानों के दौरे भी करते रहते हैं.
कर्नाटक की कांग्रेस-जनता दल सेक्युलर गठबंधन सरकार में दो उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा चल रही है. इनमें से एक उप मुख्यमंत्री के रूप में जी परमेश्वर की नियुक्ति तय मानी जा रही है. सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व से मुख्यमंत्री कुमारस्वामी की मुलाकात के बाद अंतिम रूप से कर्नाटक सरकार का स्वरूप और उप मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों के नाम सामने आने की संभावना है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं