यह ख़बर 08 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

कर्नाटक चुनाव परिणाम : ढहा बीजेपी का किला, कांग्रेस को मिला स्पष्ट बहुमत

खास बातें

  • उधर, कर्नाटक चुनाव परिणामों में जेडीएस को भी काफी फायदा हुआ है, और बीजेपी से बागी हुए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की पार्टी केजेपी भी हाजिरी दर्ज कराने में कामयाब रही है।
बेंगलुरू:

कर्नाटक में अब कांग्रेस की सरकार बनना तय हो गया है, और उसे स्पष्ट बहुमत मिल जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों में बीजेपी न सिर्फ सत्ता से बेदखल हो गई है, बल्कि उसकी सीटों की संख्या में भारी कमी आई है। उधर, जनता दल (सेक्युलर) ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, और बीजेपी से बागी हुए पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की पार्टी केजेपी भी हाजिरी दर्ज कराने में कामयाब रही है।

राज्य की 224-सदस्यीय विधानसभा में से 223 सीटों के लिए हुए मतदान के बाद बुधवार सुबह शुरू हुई मतगणना के दौरान बिल्कुल वैसे ही परिणाम सामने आए, जैसे सभी एक्ज़िट पोल बता रहे थे। पूर्वानुमानों के मुताबिक ही सत्तासीन बीजेपी को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ, जबकि कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ बेहद अच्छी स्थिति में पहुंचती दिख रही है।

सभी 223 सीटों के परिणाम घोषित हो गए हैं। परिणामों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है और पार्टी ने 121 सीटें जीती हैं। दूसरी ओर, इस वक्त राज्य में सत्तासीन बीजेपी के उम्मीदवार सिर्फ 40 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए। उधर, जेडीएस भी 40 सीटों पर कब्जा किया है। येदियुरप्पा की केजेपी छह सीटें जीतकर अपने कुछ सदस्यों को विधानसभा में पहुंचाने में सफल रही है, और अन्य उम्मीदवार 16 सीटें जीत चुके हैं। परिणामों के मुताबिक सिर्फ बीजेपी को ही 70 सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि शेष सभी पार्टियों को फायदा मिला है, जिनमें सबसे ज़्यादा लाभ कांग्रेस को 42 सीटों का, जेडीएस को 12, व केजेपी को सात सीटों का, और अन्य उम्मीदवारों को 10 सीटों पर लाभ हासिल हुआ है।

राज्य की 224 में से 223 सीटों के लिए 5 मई को मतदान हुआ था, जिसमें राज्य के करीब 4.35 करोड़ मतदाताओं में 70.23 फीसदी ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था। पिछली विधानसभा में बीजेपी के 110 विधायक थे और यह संख्या बहुमत से तीन कम थी, इसलिए बीजेपी ने पांच निर्दलीय उम्मीदवारों के बल पर राज्य में सरकार चलाई, और उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

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मिल रहे नतीजों से प्रथम दृष्टया लगता है कि बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी को नुकसान पहुंचाने का काम पूरा कर लिया है। पिछले चुनावों में बीजेपी को कांग्रेस से करीब एक फीसदी कम वोट मिले थे, फिर भी वह 30 सीटें ज्यादा जीतने में सफल रही थी।

राज्य में कांग्रेस करीब सात वर्षों से सत्ता में नहीं है। तत्कालीन मुख्यमंत्री एन धरम सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के साथ गठबंधन सरकार चलाई थी और 2006 में जेडीएस ने समर्थन वापस ले लिया था। दो वर्ष पूर्व हुए विधानसभा चुनावों के बाद किसी दल को बहुमत नहीं मिला।

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कांग्रेस अपने दम पर अंतिम बार 1999 में सत्ता में आई थी और तब एसएम कृष्णा मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 2008 में हुए चुनावों में बीजेपी सत्ता में आई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 20 महीने तक गठबंधन सरकार चलाने के बाद वादे के मुताबिक बीजेपी को सत्ता नहीं सौंपी थी, जिसके बाद बीजेपी जनता की सहानुभूति का पुरस्कार हासिल कर सत्ता में आई थी।