आलोक वर्मा को CBI से हटाए जाने पर कपिल सिब्बल बोले- ‘तोता पिंजड़े से उड़ जाता’ तो सारे राज खोल देता

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पैनल द्वारा सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को हटाए जाने पर सरकार को विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

आलोक वर्मा को CBI से हटाए जाने पर कपिल सिब्बल बोले- ‘तोता पिंजड़े से उड़ जाता’ तो सारे राज खोल देता

आलोक वर्मा को सीबीआई से हटाए जाने पर कपिल सिब्बल का तंज

नई दिल्ली:

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली पैनल द्वारा सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को हटाए जाने पर सरकार को विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाए जाने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्पल ने तंज कसा और सीबीआई को एक बार फिर से 'पिंजरे का तोता' करार दिया. आलोक वर्मा प्रकरण पर कपिल सिब्बल ने कहा कि पिंजरे के तोते को फिर से पिंजरे में ही रहना होगा. बता दें कि सीबीआई यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो निदेशक पद से हटाए जाने के बाद आलोक वर्मा को अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है. 

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आलोक वर्मा को हटाए जाने पर कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया और लिखा- 'आलोक वर्मा को हटाकर कमेटी ने सुनिश्चित किया कि पिंजरे का तोता उड़ न जाए और उन्हें डर था कि पिंजरे का तोता सत्ता के गलियारों में हो रही गतिविधियों की पोल न खोल दे. इस वजह से पिंजरे का तोता पिंजड़े में ही रहेगा.' बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो दिन बाद गुरुवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली एक हाई पावर सेलेक्शन कमेटी ने आलोक वर्मा ( Alok verma fired) को सीबीआई चीफ के पद से हटा दिया गया. 

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार को सेलेक्शन कमेटी की बैठक में 2:1 से ये फ़ैसला लिया गया कि आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ के पद से हटाया जाए. पैनल में मौजूद पीएम मोदी और चीफ़ जस्टिस के प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद जस्टिस एके सीकरी वर्मा को हटाने के पक्ष में थे. वहीं पैनल के तीसरे सदस्य के तौर पर मौजूद लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे आलोक वर्मा को हटाने के विरोध में थे. उन्होंने समिति को विरोध की चिट्ठी भी सौंपी. 

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इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए आलोक वर्मा ने गुरुवार देर रात पीटीआई को दिए एक बयान में कहा कि सीबीआई उच्च सार्वजनिक स्थानों में भ्रष्टाचार से निपटने वाली एक प्रमुख जांच एजेंसी है, एक ऐसी संस्था है जिसकी स्वतंत्रता को संरक्षित और सुरक्षित किया जाना चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि इसे बिना किसी बाहरी प्रभावों यानी दखलअंदाजी के कार्य करना चाहिए. मैंने संस्था की साख बनाए रखने की कोशिश की है, जबकि इसे नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं.

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VIDEOसीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को हटाया गया​