निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में चारों दोषियों को फांसी की सजा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज कुरियन जोसेफ ने कहा कि दोषियों को फांसी दे देने से निर्भया के माता-पिता को न्याय नहीं मिलेगा. जस्टिस कुरियन जोसेफ का बयान ऐसे समय आया है जब 2 दिन बाद निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा दी जानी है. रिटायर्ड जज ने कहा कि क्या दोषियों को फांसी देने से सामूहिक दुष्कर्म या इस तरह के अपराधों पर रोक लग जाएगी? सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज ने कहा इन लोगों को फांसी दे देने से क्या इस तरह के अपराध रुक जाएंगे.
पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि बचन सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुर्लभतम मामलों में मृत्युदंड दिया जा सकता है और वह भी तब जब अन्य सभी विकल्प निर्विवाद रूप से गलत हो जाएं. न्याय का मतलब यह नहीं है कि जान के बदले जान ली जाए.स्वतंत्रता के अभाव से बड़ी सजा मनुष्य के लिए कुछ नहीं हो सकती.
कुरियन जोसेफ ने कहा कि अगर दोषियों को उम्र कैद होती तो समाज में संदेश जाता कि ऐसे गुनाह की इस तरह की कठिन सजा है. अगर फांसी दी जाएगी तो दोषियों का गुनाह भुला दिया जाएगा. बता दें कि दोषी अक्षय ठाकुर,पवन गुप्ता,विनय शर्मा और मुकेश सिंह को शुक्रवार को फांसी दी जानी है. दोषी अभी तक अपनी फांसी टालने को लेकर पैंतरे आजमा रहे हैं
(एएनआई से इनपुट के साथ)
'किसी बाहरी प्रभाव में थे पूर्व CJI'
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