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This Article is From Oct 16, 2015

मिलिए जस्टिस चेलामेश्वर से जो चाहते थे जज-नियुक्ति में सरकार का दख़ल रहे...

मिलिए जस्टिस चेलामेश्वर से जो चाहते थे जज-नियुक्ति में सरकार का दख़ल रहे...
जस्टिस चेलामेस्वर इस फैसले के विपक्ष में थे
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जज-नियुक्ति में सरकार की भूमिका को खत्म कर दिया है लेकिन इस फैसले को लेने वाली संवैधानिक बेंच के पांच जजों में से एक का नज़रिया अलग था। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर के लिए कोलेजियम सिस्टम को बनाए रखने के पक्ष में चार जज थे, वहीं जस्टिस जे चेलामेश्वर इसके विपक्ष में थे।

यह भी पढ़ें - जजों की नियुक्ति में सरकार की भूमिका खत्म

चेलामेश्वर ही वो अकेले जज थे जो उस कानून के पक्ष में थे जिसे छह सदस्य वाले राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के निर्माण के लिए लागू किया गया था। इस समिति के छह सदस्यों में से तीन का गैर न्यायिक होना ज़रूरी था। इस कानून को संसद में पास कर दिया गया था जो जजों की नियुक्ति में सरकार के रोल को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान भी संवैधानिक संशोधन की स्वीकृति देता है।

बताया जा रहा है कि जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि वह इस संवैधानिक संसोधन के पक्ष में हैं। 1030 पन्ने वाले फैसले में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट दो दशक पुराने इस कोलेजियम सिस्टम में सुधार के लिए प्रस्ताव की सुनवाई करेगा।

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