नई दिल्ली:
न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर ने शनिवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाल लिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में पद की शपथ दिलाई।
19 जुलाई, 1948 को कोलकाता में जन्मे न्यायमूर्ति कबीर ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1 अगस्त, 1973 को वह बार के सदस्य बने और 6 अगस्त, 1990 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। न्यायमूर्ति कबीर ने 11 जनवरी, 2005 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था।
1 मार्च, 2005 को उन्हें प्रोन्नत कर झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 9 सितंबर, 2005 को वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर को कलकता उच्च न्यायालय, सिटी सिविल कोर्ट और कोलकाता में अन्य अदालतों को कम्प्यूटरीकृत करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया का स्थान लिया है।
19 जुलाई, 1948 को कोलकाता में जन्मे न्यायमूर्ति कबीर ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। 1 अगस्त, 1973 को वह बार के सदस्य बने और 6 अगस्त, 1990 को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। न्यायमूर्ति कबीर ने 11 जनवरी, 2005 को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला था।
1 मार्च, 2005 को उन्हें प्रोन्नत कर झारखंड उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया। 9 सितंबर, 2005 को वह सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बनाए गए। न्यायमूर्ति अल्तमस कबीर को कलकता उच्च न्यायालय, सिटी सिविल कोर्ट और कोलकाता में अन्य अदालतों को कम्प्यूटरीकृत करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने न्यायमूर्ति एसएच कपाड़िया का स्थान लिया है।
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