नजीब अहमद की मां और प्रदर्शन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद मामले में नौ छात्रों के पॉलीग्राफी जांच कराने की सीबीआई की याचिका पर दिल्ली के एक कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने सीबीआई और जेएनयू छात्रों के वकीलों की बहस को पूरा होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. बता दें कि इस मामले में सीबीआई ने नौ छात्रों के खिलाफ 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' की मांग की थी.
9 छात्रों की तरफ से वकील विश्वभूषण आर्य और उज्जवल कुमार ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार, 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' कानून अधिकृत नहीं है और स्वेच्छा से स्वीकार नहीं करने तक इसे अवैध माना जाता है. इतना ही नहीं, वकील ने कोर्ट से सीबीआई की याचिका को रद्द करने को कहा और इसे अपरिपक्व करार दिया.
यह भी पढ़ें - दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, नजीब मामले को लेकर CBI में दिलचस्पी का अभाव
वकील ने कहा कि छात्रों के उनके पक्ष रिकार्ड करने के लिए समन जारी करना कुछ नहीं, बल्कि एक 'डराने वाली कार्रवाई' है. इससे पहले की सुनवाई में, कोर्ट ने 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' को लेकर सीबीआई को याचिका जल्द दाखिल करने की इजाजत दी थी.
यह भी पढ़ें - लेखकों और छात्रों ने लापता छात्र नजीब के लिये ‘प्रतिरोध बैठक’ में हिस्सा लिया
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई जल्द करने के लिए कहा था, जिसके बाद सीबीआई ने इस संबंध में याचिका दाखिल की थी. जेएनयू में एमएससी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब 15 अक्टूबर 2016 से लापता हैं.
VIDEO: नजीब अहमद के रूममेट काजिम का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
9 छात्रों की तरफ से वकील विश्वभूषण आर्य और उज्जवल कुमार ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अनुसार, 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' कानून अधिकृत नहीं है और स्वेच्छा से स्वीकार नहीं करने तक इसे अवैध माना जाता है. इतना ही नहीं, वकील ने कोर्ट से सीबीआई की याचिका को रद्द करने को कहा और इसे अपरिपक्व करार दिया.
यह भी पढ़ें - दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, नजीब मामले को लेकर CBI में दिलचस्पी का अभाव
वकील ने कहा कि छात्रों के उनके पक्ष रिकार्ड करने के लिए समन जारी करना कुछ नहीं, बल्कि एक 'डराने वाली कार्रवाई' है. इससे पहले की सुनवाई में, कोर्ट ने 'लाई डिटेक्टर टेस्ट' को लेकर सीबीआई को याचिका जल्द दाखिल करने की इजाजत दी थी.
यह भी पढ़ें - लेखकों और छात्रों ने लापता छात्र नजीब के लिये ‘प्रतिरोध बैठक’ में हिस्सा लिया
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई को निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई जल्द करने के लिए कहा था, जिसके बाद सीबीआई ने इस संबंध में याचिका दाखिल की थी. जेएनयू में एमएससी के प्रथम वर्ष के छात्र नजीब 15 अक्टूबर 2016 से लापता हैं.
VIDEO: नजीब अहमद के रूममेट काजिम का होगा लाई डिटेक्टर टेस्ट
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं