अफजल गुरु की फांसी के विरोध में जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था
नई दिल्ली:
राजधानी स्थित प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में बीते नौ फरवरी को हुए एक विवादित कार्यक्रम से जुड़े जिन वीडियो क्लिपिंग को जांच के लिए गांधीनगर की फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था, उनमें से चार वीडियो 'सही' पाए गए हैं।
कुछ और वीडियो की CFSL रिपोर्ट का इंतजार
बहरहाल, कुछ और वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें वे वीडियो भी शामिल हैं, जिन्हें कुछ न्यूज चैनलों की ओर से प्रसारित किया गया था और जिनके बारे में आरोप लगाए गए थे कि उनसे छेड़छाड़ की गई है। इन वीडियो को यहां सीबीआई की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) में भेजा गया था। विशेष शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त अरविंद दीप ने कहा, 'हमें गांधीनगर की प्रयोगशाला से चार वीडियो क्लिप पर रिपोर्ट मिली है और उन्हें सही बताया गया है। अन्य क्लिपों की जांच सीएफएसएल की ओर से की जा रही है और उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।'
एक हिंदी न्यूज चैनल के कैमरे से रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो के अलावा अन्य वीडियो नौ फरवरी को हुए कार्यक्रम के दौरान परिसर में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड्स और अन्य छात्रों की ओर से रिकॉर्ड किए गए थे। इस कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। दीप ने बताया कि दिल्ली स्थित सीएफएसएल न्यूज चैनल के कैमरे, स्टोरेज कार्ड और तार सहित कुछ और उपकरणों की भी जांच कर रहा है। उनकी रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की संभावना है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विवादित कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी कई लोगों की पहचान सही बताए गए वीडियो के आधार पर की गई है।
फॉरेंसिक जांच में दो वीडियो पाए गए थे 'फर्जी'
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने घटना से जुड़े कुछ वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई थी और उनमें से दो को 'फर्जी' पाया था। 'फर्जी' पाए गए वीडियो में ऐसे लोगों की आवाजें जोड़ दी गई थीं जो कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं थे। दिल्ली सरकार ने हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब्स को सात वीडियो जांच के लिए भेजे थे, जिनमें दो को फर्जी और बाकी को सही पाया गया था।
संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में बीते नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और उसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
कुछ और वीडियो की CFSL रिपोर्ट का इंतजार
बहरहाल, कुछ और वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट का इंतजार है, जिसमें वे वीडियो भी शामिल हैं, जिन्हें कुछ न्यूज चैनलों की ओर से प्रसारित किया गया था और जिनके बारे में आरोप लगाए गए थे कि उनसे छेड़छाड़ की गई है। इन वीडियो को यहां सीबीआई की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) में भेजा गया था। विशेष शाखा के विशेष पुलिस आयुक्त अरविंद दीप ने कहा, 'हमें गांधीनगर की प्रयोगशाला से चार वीडियो क्लिप पर रिपोर्ट मिली है और उन्हें सही बताया गया है। अन्य क्लिपों की जांच सीएफएसएल की ओर से की जा रही है और उनकी रिपोर्ट का इंतजार है।'
एक हिंदी न्यूज चैनल के कैमरे से रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो के अलावा अन्य वीडियो नौ फरवरी को हुए कार्यक्रम के दौरान परिसर में मौजूद रहे सुरक्षा गार्ड्स और अन्य छात्रों की ओर से रिकॉर्ड किए गए थे। इस कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। दीप ने बताया कि दिल्ली स्थित सीएफएसएल न्यूज चैनल के कैमरे, स्टोरेज कार्ड और तार सहित कुछ और उपकरणों की भी जांच कर रहा है। उनकी रिपोर्ट एक हफ्ते में आने की संभावना है। जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि विवादित कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी कई लोगों की पहचान सही बताए गए वीडियो के आधार पर की गई है।
फॉरेंसिक जांच में दो वीडियो पाए गए थे 'फर्जी'
इससे पहले, दिल्ली सरकार ने घटना से जुड़े कुछ वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई थी और उनमें से दो को 'फर्जी' पाया था। 'फर्जी' पाए गए वीडियो में ऐसे लोगों की आवाजें जोड़ दी गई थीं जो कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं थे। दिल्ली सरकार ने हैदराबाद स्थित ट्रूथ लैब्स को सात वीडियो जांच के लिए भेजे थे, जिनमें दो को फर्जी और बाकी को सही पाया गया था।
संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में बीते नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था और उसमें कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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