कोरोना के असर से झारखंड की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हेमंत सोरेन सरकार ने एक नई औद्योगिक और इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी का मसौदा तैयार किया है. इसके तहत एक लाख करोड़ रुपये, राज्य में निवेश के लिए आकर्षित करने की योजना है. इस नई नीति के जरिए राज्य में करीब 5,00,000 रोजगार पैदा करने का टारगेट तय किया गया है. बताते चलें कि झारखंड में देश की कुल खनिज पदार्थ का 40% रिजर्व है. इज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश में झारखंड पांचवें नंबर पर है. निवेशकों को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार नई प्रस्तावित इंडस्ट्रियल और इन्वेस्टमेंट प्रमोशन पॉलिसी के मसौदे पर निवेशको की सलाह और राय लेना चाहती है.
झारखंड : किसान आंदोलन के समर्थन में निकाली गई ट्रैक्टर रैली, कांग्रेसी कार्यकर्ता और किसान हुए शामिल
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि झारखंड के पास सबसे ज्यादा खनिज पदार्थ और संसाधन हैं लेकिन वैल्यू एडीसन क्रिएट करने का राज्य प्रशासन के पास अच्छा जरिया नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट की वजह से झारखंड की अर्थव्यवस्था को काफी झटका लगा है. कई सेक्टर काफी प्रभावित हुए हैं. अभी भी महामारी गई नहीं है इसलिए हम थोड़ा रुक रुक कर आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री के अनुसार जो निवेशक 2 साल पहले झारखंड में निवेश करने को तैयार थे, वह आज वक्त को देख रहे हैं. इस मौके पर उन्होंने पश्चिम बंगाल की राजनीति को लेकर भी टिप्पणी की.
पश्चिम बंगाल के चुनावों पर चर्चा करते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ लगातार बात होती रहती है. पश्चिम बंगाल झारखंड का पड़ोसी राज्य है हमारी समस्याएं भी कॉमन हैं. उन्होंने कहा कि इस बार का पश्चिम बंगाल का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. बकौल सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा का पश्चिम बंगाल और झारखंड से सटे इलाकों में अच्छा प्रभाव है. हम वहां चुनाव भी लड़ते रहे हैं. बीजेपी को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा पश्चिम बंगाल चुनावों में विपक्ष को एकजुट रहना चाहिए, क्योंकि बीजेपी चुनाव की परिभाषा बदल रही है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं