झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख शिबू सोरेन की पुत्रवधू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन बुधवार को अपनी ही सरकार की नीतियों के खिलाफ विधानसभा के द्वार पर धरने पर बैठी गयीं. जामा से विधायक सीता के इस कदम से राज्य सरकार की भारी किरकिरी हुई. इससे पहले सीता सोरेन ने सदन में कहा कि उन्होंने विधानसभा में जो सवाल किया है, उसका सरकार से संतोषप्रद जबाव नहीं मिला है.
उन्होंने कहा, ‘हम जल जंगल जमीन की सुरक्षा का मसला लेकर सदन में आये हैं. सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड की आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर अतिक्रमण किया जा रहा है, अवैध तरीके से कोयले की ढुलाई हो रही है और सरकार कुछ करती नहीं है.' उन्होंने आरोप लगाया कि सदन में सरकार गलत जवाब दे रही है. उन्होंने राज्य सरकार से सीसीएल द्वारा किए गए अतिक्रमण को मुक्त कराने की मांग की.
C.C.L के आम्रपाली परियोजना में वन भूमि पर RKTC-BLA ज्वाॅटवेंचर कंपनी द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है। शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन के बाहर धरने पर बैठ कर विरोध दर्ज करवा रही हूँ। pic.twitter.com/hewszHXAAk
— Sita Soren (@SitaSorenMLA) December 22, 2021
सत्ता पक्ष के एक अन्य विधायक झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर हेमंत सरकार भी खुद शराब बेचने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बात कोई और नहीं हो सकती.
उन्होंने कहा कि झारखंड के आंदोलनकारी शिबू सोरेन हमेशा नशाबंदी की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके पुत्र हेमंत सोरेन अगर ऐसा करने की तैयारी कर रहे हैं तो यह शर्मनाक है.
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