बिहार जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह
नई दिल्ली:
बिहार में एनडीए की पराजय ने विपक्ष को रास्ता दिखा दिया है। अब इसी रास्ते पर चलने की तैयारी हो रही है। विपक्ष को यह समझ में आ गया है कि बीजेपी से मुकाबले के लिए एक साथ आना होगा। जेडीयू ने अब देश भर में मोर्चा बनाने की बात कही है। बिहार जेडीयू के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि डेढ़ साल बाद ही मोदी सरकार से सबका मोहभंग हो गया है। नीतियों के खिलाफ जैसे गैर कांग्रेस गंठबंधन बना था वैसा ही गठबंधन आज बीजेपी के खिलाफ बनाए जाने की जरूरत है।
नजर आगामी विधानसभा चुनावों पर
जेडीयू अब इस गठबंधन को दूसरे राज्यों तक विस्तारित करने की बात कर रही है। जेडीयू का यहां तक कहना है कि समान विचारधारा वाली पार्टियां मिलकर एक न्यूनतम कार्यक्रम बनाएं तभी आगे बढ़ा जा सके। लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के चुनावों में जहां गैर बीजेपी पार्टियां अलग-अलग लड़ीं, वहां उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अब असम, पंजाब, बंगाल , केरल और यूपी जैसे राज्यों की बारी है।
कांग्रेस और सपा को कोई जल्दी नहीं
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी ऐसे गठजोड़ के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि वे पत्ते खोलने से बच रही हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि इस बारे में अलग-अलग राज्यों के प्रभारी जवाब देंगे। दरअसल कांग्रेस अभी जल्दी फैसला लेने के मूड में नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गठबंधन की संभावना को खारिज नहीं करते लेकिन यह भी कहते हैं कि देखना पड़ेगा कि आखिर कौन गठबंधन करना चाहता है।
बीजेपी ने कहा, पक रहै है खयाली पुलाव
उधर बीजेपी कह रही है कि यह उसका डर है जो लोगों को जोड़ रहा है। बीजेपी के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अभी यह खयाली पुलाव है जो पकेगा तो बदहजमी हो जाएगी। मगर असली सवाल यह है कि जिस तरह बिहार में लालू-नीतीश ने अपने मतभेद भुलाए, क्या वैसी ही उदारता बंगाल में लेफ्ट और ममता या फिर यूपी में माया-मुलायम दिखा सकते हैं?
नजर आगामी विधानसभा चुनावों पर
जेडीयू अब इस गठबंधन को दूसरे राज्यों तक विस्तारित करने की बात कर रही है। जेडीयू का यहां तक कहना है कि समान विचारधारा वाली पार्टियां मिलकर एक न्यूनतम कार्यक्रम बनाएं तभी आगे बढ़ा जा सके। लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर के चुनावों में जहां गैर बीजेपी पार्टियां अलग-अलग लड़ीं, वहां उन्हें मुंह की खानी पड़ी। अब असम, पंजाब, बंगाल , केरल और यूपी जैसे राज्यों की बारी है।
कांग्रेस और सपा को कोई जल्दी नहीं
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी ऐसे गठजोड़ के खिलाफ नहीं हैं। हालांकि वे पत्ते खोलने से बच रही हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि इस बारे में अलग-अलग राज्यों के प्रभारी जवाब देंगे। दरअसल कांग्रेस अभी जल्दी फैसला लेने के मूड में नहीं है। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गठबंधन की संभावना को खारिज नहीं करते लेकिन यह भी कहते हैं कि देखना पड़ेगा कि आखिर कौन गठबंधन करना चाहता है।
बीजेपी ने कहा, पक रहै है खयाली पुलाव
उधर बीजेपी कह रही है कि यह उसका डर है जो लोगों को जोड़ रहा है। बीजेपी के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि अभी यह खयाली पुलाव है जो पकेगा तो बदहजमी हो जाएगी। मगर असली सवाल यह है कि जिस तरह बिहार में लालू-नीतीश ने अपने मतभेद भुलाए, क्या वैसी ही उदारता बंगाल में लेफ्ट और ममता या फिर यूपी में माया-मुलायम दिखा सकते हैं?
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