जाट आरक्षण आंदोलन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: जाट आरक्षण को लेकर पांच जून से शुरू हुआ दूसरे चरण का आंदोलन रविवार को खत्म हो गया। आंदोलन कर रहे जाट नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो वो अपना आंदोलन फिर से शुरू कर देंगे।
अनशन पर बैठे लोगों को जूस पिलाने के साथ ही हरियाणा में पांच जून से चला आ रहा जाट आरक्षण आंदोलन आखिरकार रविवार को ख़त्म हो गया। इसके साथ ही हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर चल रहे धरने भी ख़त्म हो गए।
हरियाणा सरकार और यशपाल मलिक की अगुवाई वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बीच दस सूत्रीय समझौते के बाद ये फ़ैसला लिया गया।
जाट समुदाय की मांग है कि पिछले आंदोलन के दौरान जिन लोगों पर देशद्रोह के मुकदमे दर्ज हुए थे, उन्हें वापस लिया जाए। जाट समुदाय के जेल में बंद लोगों को रिहा किया जाए और विधानसभा में जाटों के आरक्षण से जुड़े क़ानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाए, ताकि कोर्ट उसे खारिज न कर सके।
जाट नेताओं ने हरियाणा सरकार को 31 अगस्त तक की मोहलत दी है। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो 13 सितंबर को हिसार के मय्यड़ में जाट बिरादरी की सभा में आगे की रणनीति का ऐलान किया जाएगा।