कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन की सरकार के दावों और विधानसभा भंग करने का मामला अब गरमाता जा रहा है. घाटी के सियासी हालात पर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने हैं और कांग्रेस समेत एनसी और पीडीपी भी राज्यपाल की भूमिका पर कई तरह के सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस ने फैक्स मशीन नहीं चलने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बयान पर भी निशाना साधा और कहा कि राज्यपाल ने आनन-फानन में विधानसभा भंग की है. हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि देश के गद्दारों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर को बेचने की कांग्रेस ने साजिश की.
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कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ऐसा माहौल बना जिसके तहत कांग्रेस-पीडीपी-एनसी ने तय किया हम समर्थन देने पर विचार करेंगे और जब यह बात राज्यपाल के जहन में लाई गई. पीडीपी की ओर से उनके पत्र लिखा गया तो राज्यपाल कह रहे हैं मेरी फैक्स मशीन नहीं चल रही है और आनन-फानन में विधानसभा भंग की गई. यह बीजेपी और देश की सरकार की मानसिकता का प्रतिक है कि हमारी सरकार बनती हो तो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे चलने दिया जाए, और किसी और सरकार बनती हो तो राज्यपाल के पद का इस्तेमाल करके लोकतंत्र का गला घोंटा जाए. ऐसी स्थिति में अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती तो हम ऐसी स्थिति का समर्थन करते.
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मनीष तिवारी ने आगे कहा कि इस पर जैसे अटपटे बयान आ रहे हैं बीजेपी के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष की तरफ से, वह निराशाजनक है. जब तक आप पीडीपी के साथ थे तब तक वह राष्ट्रवाद थी. जैसे ही आपने दामन छोड़ दिया वह राष्ट्रविरोधी हो गई. आप कांग्रेस को भी राष्ट्रविरोधी बता रहे हैं.
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मनीष ने कहा मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप एक बीजेपी के ऐसा नेता गिना दीजिए जो आतंकवाद से लड़ते हुए शहीद हुआ हो. मैं कांग्रेस से आपको 500 नाम गिना देता हूं. देश की सभी पार्टियों को बीजेपी के इस बयान का खंडन करना चाहिए. अगर आप यह दावा करते हैं तो यह सब कुछ पाकिस्तान के निर्देश पर किया गया है तो या तो आप साबित कीजिए या फिर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगिये. नहीं तो सारे विकल्प खुले हैं. दूसरी बार राजस्थान चुनाव के संदर्भ में रखना चाहता था. कल अमित शाह ने कहा कि जितनी गैर-भाजपा राजनीतिक पार्टियां हैं वह भ्रष्ट हैं, हम पूछना चाहते हैं कि आपको यह लाइसेंस किसने दिया कि आप सबर पर उंगली उठाएं.
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जम्मू-कश्मीर के बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि पाकिस्तान हाई-कमिश्न में बैठकर राहुल गांधी और गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने की योजना बनाई. सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को पत्र जमा कराने होते हैं. ट्वीट नहीं करना होता है. अब देखने वाली बात है कि यह है कि जम्मू-कश्मीर में शहरी नगर निगम के चुनाव हुए तो इन पार्टियों ने लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की.
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उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर बनाने की कोशिश की गई. उमर अब्दुल्ला जब पीडीपी को देखना पसंद नहीं करते थे वह एक साथ आने को कैसे राजी हुए यह बड़ा सवाल है. जम्मू और लद्दाख रीजन की जनता की पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश की गई. देश विरोधी ताकतों के इशारे पर यह लोग इकट्ठा हुए.
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मनीष तिवारी ने आगे कहा कि इस पर जैसे अटपटे बयान आ रहे हैं बीजेपी के जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष की तरफ से, वह निराशाजनक है. जब तक आप पीडीपी के साथ थे तब तक वह राष्ट्रवाद थी. जैसे ही आपने दामन छोड़ दिया वह राष्ट्रविरोधी हो गई. आप कांग्रेस को भी राष्ट्रविरोधी बता रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि यह गठबंधन राष्ट्र विरोधी ताकतों के इशारे पर बनाने की कोशिश की गई. उमर अब्दुल्ला जब पीडीपी को देखना पसंद नहीं करते थे वह एक साथ आने को कैसे राजी हुए यह बड़ा सवाल है. जम्मू और लद्दाख रीजन की जनता की पीठ में छुरा भोंकने की कोशिश की गई. देश विरोधी ताकतों के इशारे पर यह लोग इकट्ठा हुए.
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