फाइल फोटो
नई दिल्ली:
दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित शोपियां जिले के स्थानीय निकाय में बीजेपी के 13 उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत के साथ ही निकाय पर पार्टी का नियंत्रण पक्का हो गया है. गौरतलब है कि राज्य के प्रमुख दलों नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी ने संविधान के अनुच्छेद 35ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिये जाने के मद्देनजर चुनाव का बहिष्कार किया है और आतंकवादी समूहों की धकमियों के कारण अन्य लोग भी चुनावी प्रक्रिया से दूरी बनाए हुए हैं. सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच तमाम मुठभेड़ों के साक्षी रहे शोपियां जिला में 17 सदस्यीय स्थानीय निकाय है. इनमें से बीजेपी ने 13 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि चार सीटों पर किसी ने नामांकन नहीं भरा है.
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चुनाव अधिकारी ने बुधवार को बताया, शांपियां नगर समिति के 13 वार्ड के लिए हमें सिर्फ एक-एक नामांकन मिला है जबकि चार अन्य पर किसी ने नामांकन नहीं भरा है. राज्य बीजेपी ने इसे ‘ऐतिहासिक जीत’ बताया है. जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविन्द्र रैना ने कहा ‘हमारा लक्ष्य सभी का विकास है और सभी लोगों के साथ न्याय करेंगे. हम बहुत खुश हैं.’ हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों को भाजपा की यह जीत कुछ खास नहीं लग रही है. क्योंकि नेकां और पीडीपी चुनाव मैदान में नहीं हैं.
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इस बीच, आतंकवादी समूहों के डर से राज्य की चुनावी मशीनरी गोपनीयता बनाए हुए है और यह सुनिश्चित कर रही है कि जीतने वाले और नामांकन भरने उम्मीदवारों के नाम लीक ना हों. बीजेपी नेता रैना ने नेकां और पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का बहिष्कार कर दोनों दलों ने ‘लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक’ बनाया है.
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यह पूछने पर कि क्या शोपियां से जीतने वाले उम्मीदवारों में कोई कश्मीरी पंडित भी है, रैना ने कहा, सभी 13 लोग स्थानीय मुसलमान हैं.
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