राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि गुरुवार को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) में लगे जाम की वजह से उसे एंबुलेंस में अपने पिता के शव के साथ कई घंटों तक फंसा रहना पड़ा. यह मामला श्रीनगर जम्मू नेशनल हाईवे का है. जम्मू कश्मीर सरकार के डायरेक्टर फाइनेंस इम्तियाज वानी ने बताया कि वह अपने पिता के शव को जम्मू से श्रीनगर ले जा रहे थे लेकिन अमरनाथ यात्रियों (Amarnath Yatra) के काफिले की वजह से उनकी एंबुलेंस को जबरदस्ती रोक दिया गया. पुलिस का कहना है कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. बता दें कि प्रशासन ने जम्मू और श्रीनगर हाईवे के बीच लोकल यात्रा पर 46 दिनों तक हर दिन 5 घंटे का प्रतिबंध लगाया है. ऐसा अमरनाथ यात्रियों की वजह से किया गया है.
वहीं इम्तियाज वानी ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, 'जम्मू से श्रीनगर जाते समय सभी नागरिक अधिकार अमरनाथ यात्रा के अधीन हैं. मुझे अपने पिता का शव लेकर नहीं जाने दिया गया. एक आम कश्मीरी की जिंदगी कितनी बुरी है. यात्रा ड्यूटी पर रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के इंस्पेक्टर राकेश ने कह दिया था कि शव को ले जाने की इजाजत नहीं मिल सकती.' वानी के पिता का निधन दिल्ली में हुआ था.
वहीं पुलिस ने कहा कि एंबुलेंस को रोका गया था क्योंकि उसने काफिले को ओवरटेक करने की कोशिश की थी. पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, 'एंबुलेंस यात्रा के काफिले को ओवरटेक करने की कोशिश कर रही थी जिसकी काफिले के कमांडर द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी. एंबुलेंस में मौजूद शख्स ने दावा किया था कि वाहन उसके पिता के शव को ले जा रहा है लेकिन सुरक्षा अधिकारी चलते हुए काफिले में फैक्ट चेक नहीं कर सकता था. इसलिए वाहन को ओवरटेक करने की अनुमति नहीं दी गई. अधिकारी के तथ्यों को जानने के बाद एंबुलेंस को जाने की इजाजत दे दी गई.'
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