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This Article is From Aug 01, 2018

जमाअत इस्लामी हिन्द ने NRC सूची से 40 लाख लोगों को बाहर करने पर उठाए सवाल

जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी कहा कि एनआरसी सूची से लगभग 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता से वंचित होने का संदेह चिंता का विषय है.

जमाअत इस्लामी हिन्द ने NRC सूची से 40 लाख लोगों को बाहर करने पर उठाए सवाल
जमाअत इस्लामी हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी.
नई दिल्ली: जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी कहा कि एनआरसी सूची से लगभग 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता से वंचित होने का संदेह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 1985 में असम समझौते के अनुसार 24 मार्च 1971 के बाद जिस किसी ने भी राज्य में प्रवेश किया है उसे अवैध नागरिक माना जाता है. एनआरसी में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदकों पर दायित्व था कि वे सबूत उपलब्ध कराएं. लेकिन वे वास्तविक नागरिक जो ग़रीब, पिछड़े या प्राकृतिक प्रकोप के कारण अपने दस्तावेज़ों को सुरक्षित नहीं रख सके उनके नाम एनआरसी में दर्ज होने से रह गया है.

उन्होंने कहा कि एनआरसी में शामिल न हो सकने वालों में से अधिकतर ऐसे लोग हैं, जिनके दस्तावेज़ों में मामूली त्रुटियां थीं. सरकार को चाहिए कि वह एनआरसी अधिकारियों के बारे में शिकायतों पर ग़ौर करें, जिन्होंने विशेष भाषाई समुदाय के खिलाफ़ पक्षपात और भेदभाव बरता है. उन्होंने कहा कि ऐसी भी शिकायतें मिली हैं कि उन अधिकारियों ने प्रयाप्त दस्तावेज़ पेश करने के बावजूद उन्हें रद्द करने का रवैया अपनाया.

मौलाना उमरी ने कहना है कि जिनके नाम एनआरसी सूची में दर्ज होने से रह गए हैं उन्हें आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराने, विसंगतियों को दूर करने और प्रक्रियाओं और औपचारिकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर देना सरकार का काम है. एनआरसी सूची में यह भी विसंगतियां पाईं गईं हैं कि बच्चे का नाम तो है, मगर माता-पिता का नाम नहीं है. 

उन्होंने कहा कि सरकार की दूसरी ज़िम्मेदारी यह है कि वह क़ानून और व्यवस्था पर पैनी निगाह रखे और एनआरसी सूची को मुद्दा बनाकर और अल्पसंख्यक समुदाय को विदेशी, घुसपैठिए और आतंकवादी बताकर उनके खि़लाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा और दंगा करने से असामाजिक तत्वों को रोके. कुछ मीडियाकर्मियों की भूमिका भी असहयोगपूर्ण रही है, क्योंकि उन्होंने 40 लाख लोगों के ख़िलाफ़ आभासी नफ़रत अभियान शुरू कर दिया है, जिससे देश में सांप्रदायिक और फ़ासीवादी ताकतों के घृणित एजेंडों को मदद मिल रही है.

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