Jalaluddin Umri
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जमाअत इस्लामी हिन्द ने NRC सूची से 40 लाख लोगों को बाहर करने पर उठाए सवाल
- Wednesday August 1, 2018
- Reported by: मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती
जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी कहा कि एनआरसी सूची से लगभग 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता से वंचित होने का संदेह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 1985 में असम समझौते के अनुसार 24 मार्च 1971 के बाद जिस किसी ने भी राज्य में प्रवेश किया है उसे अवैध नागरिक माना जाता है. एनआरसी में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदकों पर दायित्व था कि वे सबूत उपलब्ध कराएं. लेकिन वे वास्तविक नागरिक जो ग़रीब, पिछड़े या प्राकृतिक प्रकोप के कारण अपने दस्तावेज़ों को सुरक्षित नहीं रख सके उनके नाम एनआरसी में दर्ज होने से रह गया है.
- ndtv.in
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तीन तलाक पर रोक से मुस्लिम खातूनों की हैसियत और गरिमा खतरे में पड़ जाएगी : पर्सनल लॉ बोर्ड
- Friday May 12, 2017
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
तीन तलाक पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ मे ऐतिहासिक सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट विचार करेगा कि तीन तलाक इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं. यह सुनवाई छह दिनों में समाप्त होगी. इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा है कि तीन तलाक को प्रतिबंधित करने से मुस्लिम महिलाओं को लाभ नहीं होगा.
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जमाअत इस्लामी हिन्द ने NRC सूची से 40 लाख लोगों को बाहर करने पर उठाए सवाल
- Wednesday August 1, 2018
- Reported by: मोहम्मद अतहरुद्दीन मुन्ने भारती
जमाअत इस्लामी हिन्द के अमीर (अध्यक्ष) मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी कहा कि एनआरसी सूची से लगभग 40 लाख लोगों को भारत की नागरिकता से वंचित होने का संदेह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि 1985 में असम समझौते के अनुसार 24 मार्च 1971 के बाद जिस किसी ने भी राज्य में प्रवेश किया है उसे अवैध नागरिक माना जाता है. एनआरसी में नाम दर्ज कराने के लिए आवेदकों पर दायित्व था कि वे सबूत उपलब्ध कराएं. लेकिन वे वास्तविक नागरिक जो ग़रीब, पिछड़े या प्राकृतिक प्रकोप के कारण अपने दस्तावेज़ों को सुरक्षित नहीं रख सके उनके नाम एनआरसी में दर्ज होने से रह गया है.
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तीन तलाक पर रोक से मुस्लिम खातूनों की हैसियत और गरिमा खतरे में पड़ जाएगी : पर्सनल लॉ बोर्ड
- Friday May 12, 2017
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तीन तलाक पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ मे ऐतिहासिक सुनवाई शुरू हुई. कोर्ट विचार करेगा कि तीन तलाक इस्लाम का अभिन्न हिस्सा है या नहीं. यह सुनवाई छह दिनों में समाप्त होगी. इस बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने कहा है कि तीन तलाक को प्रतिबंधित करने से मुस्लिम महिलाओं को लाभ नहीं होगा.
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