
खाने पीने की जरूरी चीजों के दाम में तेजी के बीच केंद्र सरकार ने आज महंगाई को काबू में रखने के कदम उठाते हुए राज्यों से जमाखोरों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा। इसके साथ ही प्याज और आलू जैसी जिसों को एपीएमसी सूची से हटाकर प्याज निर्यात को कम करने के लिए इसका न्यूनतम निर्यात मूल्य तय कर दिया।
एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इन उपायों की आज घोषणा की। बैठक में कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुई। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र समेत शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।
वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि केवल चार या पांच जिंसों के दाम में तेजी आई है। उन्होंने राज्यों से जमाखोरों पर कार्रवाई करने को कहा, जो कमजोर मानसून की आशंका का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को उन जिंसों को सूची से हटाने को कहा गया है, जिन्हें सामान्य तौर पर कृषि उत्पादन विपणन समितियों (एपीएमसी) के जरिये ही खरीदा जाता है। इससे वे खुले बाजार में आ सकेंगे।
कीमतों को नरम करने के लिए करीब 50 लाख टन चावल राज्य सरकारों के जरिए खुले बाजारों में जारी किया जाएगा। साथ ही प्याज के निर्यात को हतोत्साहित करने तथा घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने एवं कीमतों को नियंत्रित करने के मकसद से इस पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 300 डॉलर प्रति टन लगाया गया है। इसी प्रकार की व्यवस्था वाणिज्य मंत्रालय आलू पर करेगा। वहीं दाल तथा खाद्य तेलों के संदर्भ में राज्यों को स्थानीय मांग पूरी करने के लिए इन जिंसों के सीधे आयात के लिए कर्ज सहायता दी जाएगी।
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