
खालिद पुलवामा के पुलिस लाइंस में अगस्त में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था
नई दिल्ली:
सुरक्षाबलों ने बारामुला में जैश-ए-मुहम्मद के कमांडर खालिद को ढेर कर दिया. 12 लाख का ईनामी खालिद डबल ए श्रेणी का आतंकी था. करीब तीन घंटों तक मुठभेड़ के बाद खालिद को मार गिराया गया. पाकिस्तान का रहने वाला खालिद पिछले हफ्ते बीएसएफ कैंप पर हुए हमले का मास्टरमाइंड था. यही नहीं, खालिद पुलवामा के पुलिस लाइंस में अगस्त में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था. इस हमले में चार सीआरपीएफ और चार पुलिस के जवान शहीद हुए थे. इतना ही नहीं, बारामुला में सेना के काफिले पर हुए हमले में भी शामिल था जिसमें सेना के दो जवान और एक पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. तीन अक्टूबर को श्रीनगर एयरपोर्ट के पास बीएसएफ कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. हालांकि बाद में सुरक्षाबलों ने हमला करने वाले तीन आतंकवादियों को मार गिराया था लेकिन कमांडर उनकी पकड़ से बाहर था. आतंकी कमांडर ने मुठभेड़ के दौरान बचने के लिए अपने तीन ठिकाने बदले, लेकिन वो बच नहीं पाया.
सुरक्षाबलों के मुताबिक जैसे बारामुला के लाडूरा इलाके में खालिद के होने की खबर मिली तो सुरक्षाबलों ने नाका लगाया. नाका पार्टी को सड़क पर जैसे ही कुछ संदिग्ध लोग नजर आए, उसने उन्हें रुकने का संकेत किया. यह लोग आतंकी थे और उन्होंने नाका पार्टी को देखते ही उस पर फायर करते हुए करीब के गांव की ओर दौड़ लगाई. जवानों ने आतंकियों की फायरिंग से खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया. इस दौरान एक आतंकी वहां फंस गया और बाकी भाग निकले.
फंसा आतंकी पहले जान बचाने के लिए स्कूल की इमारत में छिप गया. लेकिन जब उसे लगा कि वह बच नहीं पाएगा तो उसने साथ सटे एक मकान में अपनी पोजीशन लेकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे सरेंडर करने के लिए कहा. जब वो नहीं माना तो 25 मिनट तक चली मुठभेड़ में मारा गया. खालिद का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है. खासकर जैश के लिए अब जम्मू कश्मीर में जड़ें जमाना काफी मुश्किल होगा. खालिद एलओसी पार करने वालों को सुरक्षित ठिकानों के साथ पैसों का भी इंतजाम करता था.
VIDEO: बीएसएफ कैंप पर हुए हमले के बाद चल रही मुठभेड़ खत्म
सुरक्षाबलों के मुताबिक जैसे बारामुला के लाडूरा इलाके में खालिद के होने की खबर मिली तो सुरक्षाबलों ने नाका लगाया. नाका पार्टी को सड़क पर जैसे ही कुछ संदिग्ध लोग नजर आए, उसने उन्हें रुकने का संकेत किया. यह लोग आतंकी थे और उन्होंने नाका पार्टी को देखते ही उस पर फायर करते हुए करीब के गांव की ओर दौड़ लगाई. जवानों ने आतंकियों की फायरिंग से खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया. इस दौरान एक आतंकी वहां फंस गया और बाकी भाग निकले.
फंसा आतंकी पहले जान बचाने के लिए स्कूल की इमारत में छिप गया. लेकिन जब उसे लगा कि वह बच नहीं पाएगा तो उसने साथ सटे एक मकान में अपनी पोजीशन लेकर सुरक्षाबलों पर फायरिंग शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे सरेंडर करने के लिए कहा. जब वो नहीं माना तो 25 मिनट तक चली मुठभेड़ में मारा गया. खालिद का मारा जाना सुरक्षाबलों के लिए बहुत बड़ी कामयाबी है. खासकर जैश के लिए अब जम्मू कश्मीर में जड़ें जमाना काफी मुश्किल होगा. खालिद एलओसी पार करने वालों को सुरक्षित ठिकानों के साथ पैसों का भी इंतजाम करता था.
VIDEO: बीएसएफ कैंप पर हुए हमले के बाद चल रही मुठभेड़ खत्म
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