दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को सिर से जुड़े ओडिशा के दो भाई जग्गा और बलिया को करीब 45 घंटों की दो सर्जरी के बाद अलग-अलग करने में कामयाबी मिली है. दुनिया में 50 साल में इस तरह की महज़ दर्जन भर ही सर्जरी हुई हैं और एम्स के लिए यह मौका पहला था. आज इन जग्गा और बलिया को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया. दोनों बच्चों की तबियत में सुधार के बाद उनको वापस उनके घर ओडिशा भेजा जा रहा है. वे सात सितंबर, यानी उसी दिन अपनी नई पहचान के साथ ओडिशा पहुंचेंगे जिस दिन चंद्रयान-2 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा.
करीब साढ़े चार साल पहले जन्मे जग्गा और बलिया दो जुड़वां भाई आम जुड़वां बच्चों से अलग थे क्योंकि उनके सिर आपस में जुड़े थे. दिल्ली के एम्स ने इन दोनों भाइयों को अलग-अलग करके न सिर्फ उन दोनों को नई पहचान दे दी बल्कि कठिन शल्य क्रिया करके रिकॉर्ड भी बना डाला. दिल्ली के एम्स के डॉक्टरों ने 45 घंटों की दो सर्जरी के बाद इन दोनों बच्चों को अलग-अलग कर दिया.
एम्स के 125 डॉक्टरों की टीम ने सन 2017 के अगस्त और अक्टूबर माह में दो सर्जरी कीं और कामयाबी हासिल की. करीब साढ़े चार साल की उम्र में से दो साल इन दोनों बच्चों ने एम्स में बिताए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि यह ऐसा मामला है जिस पर रिसर्च होनी चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि 'ये दोनों बच्चे सात सितंबर को अपने घर पहुंचेंगे. हमारा चंद्रयान-2 भी 7 सितंबर को चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचेगा. स्पेस के अंदर एक बड़ी हिस्ट्री क्रिएट हो रही है. आज ये भी सिद्ध हुआ कि खाली स्पेस के वैज्ञानिक ही असाधारण उपलब्धियां हासिल नहीं कर रहे बल्कि हमारे एम्स के डॉक्टर भी पीछे नहीं.'
AIIMS का चमत्कार! सिर से जुड़े दो भाइयों को किया अलग-अलग
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने इसे गर्व का दिन बताया. उन्होंने कहा कि 'भारत ही नहीं दुनिया के लिए भी यह एक मिसाल है, क्योंकि सर्जरी बहुत जटिल थी, पर हमें कामयाबी मिली.'
शरीर से अलग-अलग होने के बाद जग्गा और कालिया ने मनाया तीसरा बर्थडे!
कार्नियोपेगस टीम के इंचार्ज डॉ दीपक गुप्ता ने इस मौके पर डॉ एके महापात्रा को शिक्षक के तौर पर याद किया जिनके नेतृत्व में इन बच्चों की शुरुआती मैराथन सर्जरी हुई. साथ ही बताया कि जग्गा स्कूल जाने की हालत में है जबकि बलिया का कुछ और वक़्त तक ख्याल रखना होगा. फिलहाल कुछ हफ्तों तक ये दोनों बच्चे कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज में रहेंगे. डॉ दीपक ने यह भी कहा कि अभी तक दुनिया में ऐसे 10 से 15 केस ही रिपोर्टेड हैं. यह हमारे भारत में पहला केस है जिसमें हम दोनों बच्चों को अलग-अलग करके जीवित रख पाए हैं. जग्गा का वेट आइडियल है. बलिया का कम है, पर गेन कर रहा है.
#WATCH Delhi: Jaga, one of the conjoined twins, plays football with hospital staff at AIIMS. Jaga&Balia were admitted at AIIMS on 14.07.2017 as Craniopagus (conjoined twins) where they underwent staged separation of surgeries&separated on 25.10.2017. They'll be shifted to Odisha. pic.twitter.com/8yUw5zSPns
— ANI (@ANI) September 6, 2019
जग्गा और बलिया का जन्म ओडिशा के कंधमाल में अप्रैल 2015 में हुआ. उनका शुरुआती इलाज भुवनेश्वर में कराया गया. वहां जब नाउम्मीदी दिखी तो जुलाई 2017 में उन्हें एम्स लाया गया. यहां उनकी दो जटिल सर्जरी की गईं और सफलता मिल गई.
VIDEO : एम्स में की गई मैराथन सर्जरी
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