ओबीसी रैली की तस्वीर
अहमदाबाद:
अहमदाबाद में ओबीसी समुदाय के ठाकोर, चौधरी, रबारी और अन्य समाज ने मिलकर महाधरना का कार्यक्रम किया। एजेन्डा साफ था कि गुजरात सरकार को चेतावनी दी जाय कि पटेलों को ओबीसी आरक्षण में शामिल न किया जाय और धमकी दी कि अगर पटेलों की मांगों के सामने बीजेपी शासित गुजरात सरकार ने घुटने टेके तो सरकार को 'उखाड़ फेंका जाएगा।' 'गुजरात क्षत्रिय-ठाकुर सेना' के अध्यक्ष अल्पेश ठाकुर ने पटेल नेताओं पर निशाना साधते हुए यह बात कही।
राज्य में ताकतवर कहे जानेवाला पटेल समुदाय ओबीसी आरक्षण में खुद को शामिल करने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ महिने से रैलियां कर रहा है। 25 अगस्त को अहमदाबाद में सबसे बड़ी रैली करने की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि अहमदाबाद में 25 लाख पटेल रैली में शिरकत करेंगे। पटेल नेताओं ने भी राज्य सरकार को धमकी दे रखी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मांगी गई तो 2017 के विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका नतीजा भुगतना होगा।
इसी से पिछले कुछ दिनों से ओबीसी समुदाय की भी बैठकें चल रही हैं कि उनकी ओर से सरकार पर कैसे दबाव बनाया जाय। इसी दबाव के लिये ओबीसी में शामिल सभी समुदायों ने मिलकर धरना किया।
इस बीच रविवार को गुजरात में अखबारों में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आंदोलन कर रहे पटेल नेताओं के नाम एक खुला पत्र लिखकर उनसे आंदोलन खत्म करने की अपील की। आशंका जताई कि पहले जब जब जातिगत आरक्षण आंदोलन हुए हैं तब हिंसा हुई है, इसलिये बेहतर है कि इस तरह की मांग को लेकर आंदोलन न किया जाय। उन्होंने स्पष्ट भी कर दिया कि संविधान के दायरे में जो आरक्षण मिला हुआ है उसमें वो किसी भी तरह का फेरबदल नहीं करना चाहती हैं।
लेकिन इस बीच पिछले दो दिनों से आंदोलनकारी पटेल नेताओं से बातचीत की कोशिश कर रही सरकार को कुछ सफलता मिली। सरकार के बातचीत के निमंत्रण को लेकर पाटीदार अनामत (आरक्षण) आंदोलन समिति ने अपने प्रतिनिधि भेजे सरकार से बातचीत के लिये। सरकार से कहा गया है कि वो किन मुद्दों पर बातचीत करना चाहती है वो साफ करे फिर आगे बातचीत होगी। लेकिन इस बीच 25 अगस्त की बड़ी पटेल रैली को लेकर माहौल तनावपूर्ण बनता जा रहा है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
राज्य में ताकतवर कहे जानेवाला पटेल समुदाय ओबीसी आरक्षण में खुद को शामिल करने की मांग को लेकर पिछले डेढ़ महिने से रैलियां कर रहा है। 25 अगस्त को अहमदाबाद में सबसे बड़ी रैली करने की तैयारी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि अहमदाबाद में 25 लाख पटेल रैली में शिरकत करेंगे। पटेल नेताओं ने भी राज्य सरकार को धमकी दे रखी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मांगी गई तो 2017 के विधानसभा चुनाव में सरकार को इसका नतीजा भुगतना होगा।
इसी से पिछले कुछ दिनों से ओबीसी समुदाय की भी बैठकें चल रही हैं कि उनकी ओर से सरकार पर कैसे दबाव बनाया जाय। इसी दबाव के लिये ओबीसी में शामिल सभी समुदायों ने मिलकर धरना किया।
इस बीच रविवार को गुजरात में अखबारों में मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आंदोलन कर रहे पटेल नेताओं के नाम एक खुला पत्र लिखकर उनसे आंदोलन खत्म करने की अपील की। आशंका जताई कि पहले जब जब जातिगत आरक्षण आंदोलन हुए हैं तब हिंसा हुई है, इसलिये बेहतर है कि इस तरह की मांग को लेकर आंदोलन न किया जाय। उन्होंने स्पष्ट भी कर दिया कि संविधान के दायरे में जो आरक्षण मिला हुआ है उसमें वो किसी भी तरह का फेरबदल नहीं करना चाहती हैं।
लेकिन इस बीच पिछले दो दिनों से आंदोलनकारी पटेल नेताओं से बातचीत की कोशिश कर रही सरकार को कुछ सफलता मिली। सरकार के बातचीत के निमंत्रण को लेकर पाटीदार अनामत (आरक्षण) आंदोलन समिति ने अपने प्रतिनिधि भेजे सरकार से बातचीत के लिये। सरकार से कहा गया है कि वो किन मुद्दों पर बातचीत करना चाहती है वो साफ करे फिर आगे बातचीत होगी। लेकिन इस बीच 25 अगस्त की बड़ी पटेल रैली को लेकर माहौल तनावपूर्ण बनता जा रहा है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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