चीन से लगी सीमा पर तैनात होंगे आईटीबीपी के और 8,000 जवान

चीन से लगी सीमा पर तैनात होंगे आईटीबीपी के और 8,000 जवान

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी

नई दिल्ली:

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 54वें स्थापना दिवस के मौके पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि जवानों को अपनी मजबूत इच्छाशक्ति से सरहद की हिफाजत करनी है। खासकर ऐसे इलाके में जहां ऑक्सीजन की कमी होती है, शरीर काम नहीं करता है, वहां मजबूत मनोबल के बलबूते जवान जिस तरह चुनौती का सामना कर रहे हैं, उससे पूरा देश को उन पर नाज है।

1962 में चीन से हुई जंग के बाद बनी इस फोर्स के जिम्मे चीन से लगी उत्तरी सरहद की रखवाली करना है। 8 हजार से लेकर 16 हजार की फीट पर तैनात जवान किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा मुस्तैद रहते हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए आईटीबीपी चीन से लगी संवेदनशील सीमा पर 8000 नए जवान को तैनात करने जा रही है। साथ ही वहां 50 नए पोस्ट भी बनाए जाएंगे।

हालांकि आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्णा चौधरी ने चीन से लगी सीमा पर अतिक्रमण के बारे में सवाल पूछने पर कहा कि हम सीमा पर युद्ध करने नहीं गए है, बल्कि सीमा की हिफाजत करने के लिए गए हैं। सीमा पर चीन से तनातनी की वजह सरहद को लेकर दोनों देशों का अलग-अलग नजरिया है। हमें उकसावे वाले बयान से बचना चाहिए, ताकि आपसी संबध खराब न हो।

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महानिदेशक ने चीन की ओर से सीमा पर अतिक्रमण की संख्या भी बताने से मना किया, लेकिन ये जरूर बताया कि सीमा पर अब बुनियादी ढांचा को और बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है, ताकि ऊंचे जगहों पर खराब मौसम और बर्फीले तूफान से बचा जा सके।  हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में इस साल आईटीबीपी ने छह नए बार्डर पोस्ट बनाए हैं।