फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों के मददगार गाइडों को एनआईए बुधवार शाम तक दिल्ली ला रहा है. दिल्ली लाने पर जैश-ए-मोहम्मद के इन दोनों आतंकवादियों का लाई-डिटेक्टर टेस्ट होने की भी संभावना है.
अब तक हुई पूछताछ में पीओके के आतंकी फैज़ल हुसैन अवान और एहशान खुर्शीद ने पाकिस्तानी सेना की पोल पूरी तरह खोल दी है. इनके मुताबिक उरी हमले में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए चारों आतंकियों को पाक सेना और आईएसआई के बड़े अधिकारियों से प्रशिक्षण मिला था.
पूछताछ में इन्होंने बताया है कि उरी हमले में शामिल आतंकियों को आईएसआई की मदद से चलाए जा रहे कैम्पों में पाकिस्तानी सेना के तकनीकी विशेषज्ञों ने जापानी आईकॉम रेडियो सेट और जीपीएस आदि की ट्रेनिंग दी थी. उरी में सेना के कैम्प पर हमला करने वाले आतंकवादियों के फोटो दिखाए जाने पर इन दोनों ने उनकी पहचान कर ली थी. इसके बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाकर सारे सबूत सौंप दिए थे.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रहने वाले इन दोनों आतंकवादियों की पहचान खालियान कलां के एहसान खुर्शीद पुत्र मोहम्मद खुर्शीद और पोथा जहांगीर का फैसल हुसैन अवान पुत्र गुल अकबर के रूप में बताई गई है. इनका काम आतंकियों को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में मदद करना था क्योंकि यह पूरे इलाके से अच्छी तरह वाकिफ हैं. बीते 21 सितम्बर को सेना और बीएसएफ के संयुक्त ऑपरेशन में इनकी गिरफ्तारी हुई थी. आपको ये बता दें कि 18 सितंबर को उरी में सेना के बटालियन हेडक्वाटर में जैश के चार आतंकियों के हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे.
अब तक हुई पूछताछ में पीओके के आतंकी फैज़ल हुसैन अवान और एहशान खुर्शीद ने पाकिस्तानी सेना की पोल पूरी तरह खोल दी है. इनके मुताबिक उरी हमले में सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए चारों आतंकियों को पाक सेना और आईएसआई के बड़े अधिकारियों से प्रशिक्षण मिला था.
पूछताछ में इन्होंने बताया है कि उरी हमले में शामिल आतंकियों को आईएसआई की मदद से चलाए जा रहे कैम्पों में पाकिस्तानी सेना के तकनीकी विशेषज्ञों ने जापानी आईकॉम रेडियो सेट और जीपीएस आदि की ट्रेनिंग दी थी. उरी में सेना के कैम्प पर हमला करने वाले आतंकवादियों के फोटो दिखाए जाने पर इन दोनों ने उनकी पहचान कर ली थी. इसके बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को बुलाकर सारे सबूत सौंप दिए थे.
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रहने वाले इन दोनों आतंकवादियों की पहचान खालियान कलां के एहसान खुर्शीद पुत्र मोहम्मद खुर्शीद और पोथा जहांगीर का फैसल हुसैन अवान पुत्र गुल अकबर के रूप में बताई गई है. इनका काम आतंकियों को नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ में मदद करना था क्योंकि यह पूरे इलाके से अच्छी तरह वाकिफ हैं. बीते 21 सितम्बर को सेना और बीएसएफ के संयुक्त ऑपरेशन में इनकी गिरफ्तारी हुई थी. आपको ये बता दें कि 18 सितंबर को उरी में सेना के बटालियन हेडक्वाटर में जैश के चार आतंकियों के हमले में सेना के 18 जवान शहीद हुए थे.
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