
फाइल फोटो
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उपग्रह पर ग्रहण अवधि के प्रभाव को कम करने का लक्ष्य
ग्रहण के दौरान अंतरिक्ष यान का संचालन बैटरी पर निर्भर करेगा
इसलिए इसकी स्थिति में अगले साल परिर्वतन होगा
इसरो अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा कि मार्स आर्बिटर मिशन (एमओएम) ने शनिवार को अपने दो वर्ष पूरे कर लिए. यद्यपि उम्मीद की गई थी कि इस मिशन की अवधि केवल छह माह होगी. अंतरिक्ष एजेंसी ने पहले वर्ष से जुड़े कई आंकड़ों को जारी किया है.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगले वर्ष की शुरुआत में मंगल मिशन से जुड़ा बड़ा कार्य किया जायेगा, जब उपग्रह पर ग्रहण अवधि के प्रभाव को कम करने के लिए अंतरिक्ष यान की स्थिति में परिवर्तन किया जायेगा.
कुमार ने कहा कि ग्रहण के दौरान अंतरिक्ष यान का संचालन बैटरी पर निर्भर करेगा और अगर इसकी अवधि अधिक होती है तो संभव है कि बैटरी से इसे बहुत अधिक मदद नहीं मिले.
उन्होंने साथ ही कहा कि इसीलिए वे अंतरिक्ष यान की स्थिति में परिवर्तन करना चाहते हैं ताकि ग्रहण की अवधि के प्रभाव को कम किया जा सके और जिससे अंतरिक्ष यान लंबे समय तक अपनी सेवाएं दे सके.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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