भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख के. सिवन ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन की वजह से अंतरिक्ष में मानव को भेजने और चंद्रयान-3 अभियान में देर होने के अलावा ऐसे 10 अंतरिक्ष अभियान ‘बाधित' हुए हैं, जिनके इस साल होने की योजना थी. उन्होंने कहा कि इसरो अपने अंतरिक्ष अभियानों पर लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करेगा. ISRO प्रमुख ने बताया कि अंतरिक्ष एजेंसी ने इस साल 10 प्रक्षेपण की योजना बनाई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से सभी चीजें बाधित हो गईं. कोविड-19 संकट से निपटने के बाद हमें एक आकलन करना होगा.'' सिवन ने कहा, ‘‘लॉकडाउन की वजह से गंगनयान प्रभावित होगा. सभी उद्योगों ने काम करना अभी शुरू नहीं किया है.'' उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीने में अभियान का कार्य प्रभावित हो गया. ISRO प्रक्षेपण से जुड़े उपकरणों के उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर है. ISRO को उपकरण उपलब्ध कराने वालों में शामिल सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमईएस) भी लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
उन्होंने बताया, ‘‘चंद्रयान-तीन समेत सभी अभियान प्रभावित हुए हैं.'' सिवन ने कहा, ‘‘हमें गगनयान पर लॉकडाउन के प्रभावों का आकलन करना होगा.'' पिछले साल चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग होने के बाद ISRO ने चंद्रयान-3 प्रक्षेपित करने की योजना बनाई थी, जिसे इसी साल चांद पर भेजा जाना था. गगनयान मिशन के तहत 2022 तक तीन भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजा जाना है. इसके लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों का चयन भी हो चुका है और वे रूस में प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं लेकिन यह भी लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है.
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