नई दिल्ली:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम बैंड आवंटन घोटाले से देश के प्रमुख संस्थान इसरो की छवि प्रभावित या धूमिल नहीं होगी। उन्होंने कहा, "बात बेहतर काम की है। संगठन लगातार बेहतर काम करता रहा है और सच तो यह है कि इस घोटाले ने हमारे आचरण को प्रभावित नहीं किया है और इसकी व्याख्या उस स्तर पर नहीं की जानी चाहिए।" गौरतलब है कि इसरो बेंगलुरू की कम्पनी देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड को कम कीमत पर 20 वर्ष के लिए दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित करने में कथित संलिप्तता के आरोप का सामना कर रहा है। दिल्ली में आयोजित यंग इंजीनियर्स एंड साइंटिस्ट (वाईईएस) के होंडा पुरस्कार वितरण समारोह के बाद कस्तूरीरंगन ने कहा, "इसरो के बहुत सारे अभियान शुरू होने वाले हैं और उम्मीद है कि इससे इस संगठन का नाम और ऊंचा होगा। किसी को इस बात पर नहीं जाना चाहिए कि कुछ हलकों में क्या कहा जा रहा है।" वाईईएस पुरस्कार उन 14 छात्रों को प्रदान किए गए जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों से जुड़े रहे हैं। वाईईएस संस्था युवा इंजीनियरों की सहायता उनके द्वारा प्रस्तुत तकनीकी शोधपत्र, निबंध, औसत बढ़त अंक श्रेणी (सीजीपीए) तथा साक्षात्कार के आधार पर करती है।
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