यह ख़बर 31 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आईएसआई का नक्सलियों के साथ है संबंध : सुरक्षा एजेंसियां

खास बातें

  • पाकिस्तान की खुफिया आईएसआई ने नक्सलियों और प्रतिबंधित सिमी से जमीनी स्तर पर गहरे संपर्क स्थापित कर लिए हैं और यह न केवल पश्चिम बंगाल में हुआ है बल्कि देश भर में इसने अपने संबंध विकसित कर लिए हैं।
नई दिल्ली:

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने नक्सलियों और प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जमीनी स्तर पर गहरे संपर्क स्थापित कर लिए हैं और यह न केवल पश्चिम बंगाल में हुआ है बल्कि देश भर में इसने अपने संबंध विकसित कर लिए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चिंता का सबब बना हुआ है।

सुरक्षा एजेंसियों ने यह सूचना इस माह की शुरुआत में नई दिल्ली में नक्सल प्रभावित नौ राज्यों के पुलिस और प्रशासनिक आला अधिकारियों की बैठक में साझा की। यह बैठक नक्सल निरोधी अभियानों और पिछड़े इलाकों में विकास कार्यो की समीक्षा के लिए आयोजित की गई थी।

बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक नपराजित मुखर्जी ने बैठक में कहा कि  "नक्सली सभी स्तरों पर पराजय का सामना कर रहे हैं लेकिन इसी बीच उनके और पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई के बीच प्रगाढ़ होते सम्बंधों के संकेत मिल रहे हैं। इस संदर्भ में राज्य के उन चार जिलों से पर्याप्त सबूत देखने को मिल रहे हैं जिनकी सीमा बांग्लादेश के साथ मिलती है।"

मुखर्जी ने इस दौरान मुर्शिदाबाद, पश्चिमी मिदनापुर, पुरुलिया और बांकुरा जिलों के नाम का उल्लेख किया।

मुखर्जी ने इस गठजोड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि इन जिलों से हाल के दिनों में गिरफ्तार किए गए नक्सलियों ने आईएसआई के साथ संपर्क का खुलासा किया है।

इस मसले की जानकारी रखने वाले एक सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "न केवल पश्चिम बंगाल में नहीं, बल्कि आईएसआई से संबंध रखने वाले नक्सली सुरक्षा बलों की सेवा में भी आ रहे हैं। हमने यह भी देखा है कि नक्सलियों अथवा उनके समर्थकों द्वारा आयोजित प्रदर्शनों में सिमी के कार्यकर्ता भी हिस्सा ले रहे हैं। ऐसा न केवल दिल्ली के जंतर मंतर पर हो रहा है बल्कि देश के कई हिस्सों में हो रहा है। "

उल्लेखनीय है देश सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया एजेंसियां हाल के दिनों में इस बात की संभावना व्यक्त करते रही हैं कि नक्सलियों के आईएसआई से संपर्क हैं लेकिन मुखर्जी जैसे वरिष्ठ अधिकारी की ओर से यह खुलासा इतने स्पष्ट रूप से पहली बार हुआ है। सुरक्षा बलों का यह भी मानना है कि कश्मीर में अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे आंतकवादी समूह को नक्सलियों का समर्थन मिल रहा है।

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कुछ माह पहले कर्नाटक पुलिस ने भी इस बात का खुलासा किया था कि आईएसआई नक्सलियों तक पहुंच बनाने के लिए माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगी छोटा शकील का इस्तेमाल कर रहे हैं।