अभय चौटाला (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विशेष अदालत ने इस बात पर आश्चर्य जताया है कि इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला के पुत्र अभय चौटाला बिना इसकी अनुमति के रियो ओलिंपिक में शामिल होने कैसे चले गए. अभय आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं.
मामला हाल में एक सुनवाई के दौरान तब सामने आया जब विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजय गर्ग को सूचित किया गया कि अभय चौटाला इसलिए अनुपस्थित हैं क्योंकि खेल प्रशासक और भारतीय ओलिंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष होने के नाते वह दो से 25 अगस्त तक के लिए रियो ओलिंपिक में शामिल होने गए हैं.
उनके वकील ने आवेदन दायर कर अभय के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की और कहा कि अदालत ने जमानत आदेश में उनके देश से बाहर जाने के लिए अनुमति मांगने संबंधी कोई विशिष्ट शर्त नहीं लगाई है. अदालत ने हालांकि, कहा, ‘इस आरोपी ने विदेश जाने के लिए इस अदालत से कोई विशेष अनुमति नहीं मांगी है. आरोपी के वकील का कहना है कि क्योंकि जमानत आदेश में विदेश जाने की अनुमति मांगने के लिए कोई विशिष्ट शर्त नहीं है और इस वजह से इस अदालत से कोई अनुमति नहीं ली गई.’ सीबीआई के अभियोजक अजय कुमार गुप्ता ने इस पहलू पर दलील के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने मामले में अगली कार्यवाही के लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित कर दी.
सीबीआई ने कांग्रेस नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर इनेलो प्रमुख एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला तथा उनके पुत्रों अजय और अभय चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को 1999-2000 के जूनियर शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
सीबीआई ने 26 मार्च 2010 को चौटाला के खिलाफ 1993 से 2006 के बीच उनकी कानूनी आय से कहीं अधिक 6.09 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति होने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया था. इसी तरह के दो मामले उनके पुत्रों-अजय और अभय के खिलाफ चल रहे हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला की संपत्ति संबंधित अवधि के दौरान उनकी वास्तविक आय 3.22 करोड़ से 189 प्रतिशत अधिक थी.
अभय के पास आयकर रिकॉर्ड के अनुसार 2000-2005 की अवधि के दौरान उनकी आय 22.89 करोड़ रुपये से कथित तौर पर पांच गुना अधिक संपत्ति थी. एजेंसी ने 119.69 करोड़ रुपये की संपत्ति ढूंढ़ निकालने का दावा किया. सीबीआई ने यह भी कहा था कि अजय के पास उनकी कानूनी आय से कई गुना अधिक संपत्ति थी. मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी कानूनी आय 8.17 करोड़ रुपये थी, लेकिन उन्होंने 27.7 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी. पूर्व में सभी तीनों मामलों की सुनवाई अलग-अलग अदालतों में हो रही थी, जिन्हें सीबीआई के आग्रह पर एक ही अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था. चौटाला और उनके पुत्रों ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है.
मामला हाल में एक सुनवाई के दौरान तब सामने आया जब विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजय गर्ग को सूचित किया गया कि अभय चौटाला इसलिए अनुपस्थित हैं क्योंकि खेल प्रशासक और भारतीय ओलिंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष होने के नाते वह दो से 25 अगस्त तक के लिए रियो ओलिंपिक में शामिल होने गए हैं.
उनके वकील ने आवेदन दायर कर अभय के लिए व्यक्तिगत पेशी से छूट की मांग की और कहा कि अदालत ने जमानत आदेश में उनके देश से बाहर जाने के लिए अनुमति मांगने संबंधी कोई विशिष्ट शर्त नहीं लगाई है. अदालत ने हालांकि, कहा, ‘इस आरोपी ने विदेश जाने के लिए इस अदालत से कोई विशेष अनुमति नहीं मांगी है. आरोपी के वकील का कहना है कि क्योंकि जमानत आदेश में विदेश जाने की अनुमति मांगने के लिए कोई विशिष्ट शर्त नहीं है और इस वजह से इस अदालत से कोई अनुमति नहीं ली गई.’ सीबीआई के अभियोजक अजय कुमार गुप्ता ने इस पहलू पर दलील के लिए समय मांगा जिसके बाद अदालत ने मामले में अगली कार्यवाही के लिए 17 अगस्त की तारीख निर्धारित कर दी.
सीबीआई ने कांग्रेस नेता शमशेर सिंह सुरजेवाला की शिकायत पर इनेलो प्रमुख एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला तथा उनके पुत्रों अजय और अभय चौटाला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. ओमप्रकाश चौटाला और अजय चौटाला को 1999-2000 के जूनियर शिक्षक भर्ती घोटाले में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
सीबीआई ने 26 मार्च 2010 को चौटाला के खिलाफ 1993 से 2006 के बीच उनकी कानूनी आय से कहीं अधिक 6.09 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति होने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया था. इसी तरह के दो मामले उनके पुत्रों-अजय और अभय के खिलाफ चल रहे हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि चौटाला की संपत्ति संबंधित अवधि के दौरान उनकी वास्तविक आय 3.22 करोड़ से 189 प्रतिशत अधिक थी.
अभय के पास आयकर रिकॉर्ड के अनुसार 2000-2005 की अवधि के दौरान उनकी आय 22.89 करोड़ रुपये से कथित तौर पर पांच गुना अधिक संपत्ति थी. एजेंसी ने 119.69 करोड़ रुपये की संपत्ति ढूंढ़ निकालने का दावा किया. सीबीआई ने यह भी कहा था कि अजय के पास उनकी कानूनी आय से कई गुना अधिक संपत्ति थी. मई 1993 से मई 2006 के बीच उनकी कानूनी आय 8.17 करोड़ रुपये थी, लेकिन उन्होंने 27.7 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की थी. पूर्व में सभी तीनों मामलों की सुनवाई अलग-अलग अदालतों में हो रही थी, जिन्हें सीबीआई के आग्रह पर एक ही अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था. चौटाला और उनके पुत्रों ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है.
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