विज्ञापन
This Article is From Jan 22, 2021

स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल लैसेंट की परीक्षा में पास, तीसरे फेज का ट्रायल जारी

स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को कोविशील्ड के साथ देश में कोरोना टीकाकरण में आपात इस्तेमाल के तहत लगाया जा रहा है. तमाम विशेषज्ञों ने तीसरे चऱण के परीक्षण पूरे किए बिना और उसकी प्रभावशीलता का डेटा आए बिना कोवैक्सीन के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं.

स्वदेशी टीके कोवैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल लैसेंट की परीक्षा में पास, तीसरे फेज का ट्रायल जारी
भारत के ड्र्ग रेगुलेटर ने Covaxin को मंजूरी दी थी.
नई दिल्ली:

स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के पहले चरण का ट्रायल प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट के रिव्यू में पास हो गया है. हालांकि उसके तीसरे चऱण का ट्रायल जारी है. भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को कोविशील्ड के साथ देश में कोरोना टीकाकरण में आपात इस्तेमाल के तहत लगाया जा रहा है. तमाम विशेषज्ञों ने तीसरे चऱण के परीक्षण पूरे किए बिना और उसकी प्रभावशीलता का डेटा आए बिना कोवैक्सीन के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं. भारत के ड्र्ग रेगुलेटर डीसीजीआई ने इसे मंजूरी दी थी.

कोवैक्सीन के टीके को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर और नेशनल वायरोलॉजी पुणे के सहयोग से तैयार किया है. लैसेंट के प्रतिष्ठित संक्रामक रोग से जुड़े जर्नल में लैंसेट के पहले चरण के ट्रायल के नतीजे प्रकाशित किए गए. पहले चरण में टीके ने अच्छी प्रतिरोधक क्षमता बिना किसी दुष्प्रभाव के दिखाई है. दूसरे चरण के नतीजों का भी अध्ययन हो रहा है. जबकि कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल देश में हो रहा है. इसके लिए वालंटियर की टीम जुटाई गई है. ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड के साथ कोवैक्सीन भी हेल्थ वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को दी जा रही है. किसी भी वैक्सीन के पहले दो चरण के मानवों पर परीक्षण मुख्यतया सुरक्षा पर ध्यान देते हैं. जबकि तीसरे चऱण के ट्रायल में टीके की प्रभावशीलता पर फोकस किया जाता है.

कोवैक्सीन इनएक्टिवेटेड कोविड वायरस से तैयार की गई है. इसको आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने को लेकर तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों और संगठनों ने सवाल उठाए हैं. इस वैक्सीन का कोडनेम BBV152 है. लैंसेट की स्टडी में कहा गया है कि परीक्षणों के दौरान जिन समूहों को यह टीका दिया गया है. उनमें कोई गंभीर शारीरिक परेशानियां सामने नहीं आई हैं. दिसंबर में एक और मेडिकल जर्नल मेडआरएक्सआईवी (medRxiv) ने भी ऐसे ही नतीजे दिए थे.हालांकि अभी तक कोवैक्सीन का कोई नया डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है. ताकि इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में और ज्यादा जानकारी मिल सके.

रिव्यू के लेखकों का कहना है कि टीके के परीक्षण में जो भी साइड इफेक्ट सामने आए हैं, वे बेहद मामूली और सामान्य स्तर के हैं और पहली खुराक के बाद ज्यादा इसे देखा गया है. इसमें यह भी कहा गया है कि एक शारीरिक दुष्प्रभाव का और मामला सामने आया था, लेकिन उसका वैक्सीन से लेना-देना नहीं था.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com