केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
विश्व जनसंख्या दिवस के दिन शनिवार अपराह्न् 2.30 बजे भारत की आबादी 1,274,234,538 हो गई। सामाजिक-आर्थिक आंकड़े से संबंधित एक स्वतंत्र संगठन के मुताबिक, भारत की जनसंख्या विश्व की जनसंख्या का लगभग 17.23 फीसदी है।
वेबसाइट 'इंडियास्टैट डॉट कॉम' के मुताबिक, ये राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग और अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के आंकड़े पर आधारित हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस का मकसद वैश्विक जनसंख्या के संबंध में जागरूकता फैलाना है। इस साल इसका विषय 'वुलनरेबल पापुलेशंस इन इमरजेंसिज' है।
आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 2028 तक चीन से अधिक हो जाएगी। लेकिन सरकार का कहना है कि देश में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आई है, जो 1991-2000 में जहां 21.54 फीसदी थी, वह 2001-11 में घटकर 17.64 फीसदी हो गई। इस लिहाज से कुल 36 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में से 24 में जनसंख्या स्थिर बनी हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जनसंख्या वृद्धि के गंभीर परिणाम झेल रहे राज्यों में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए एक मिशन आधारित रणनीति पर विचार किया जा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'विकास कार्यों के साझेदार और गैर सरकारी संगठनों को इसमें प्रमुख भूमिका निभानी होगी। हमारे संसाधन कितने ही प्रभावी क्यों न हों, हम अकेले इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते।'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा, 'हमने 1952 में जनसंख्या संबंधी अपना कार्यक्रम शुरू किया था। इसके सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं।'
वेबसाइट 'इंडियास्टैट डॉट कॉम' के मुताबिक, ये राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग और अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के आंकड़े पर आधारित हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस का मकसद वैश्विक जनसंख्या के संबंध में जागरूकता फैलाना है। इस साल इसका विषय 'वुलनरेबल पापुलेशंस इन इमरजेंसिज' है।
आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, भारत की जनसंख्या 2028 तक चीन से अधिक हो जाएगी। लेकिन सरकार का कहना है कि देश में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट आई है, जो 1991-2000 में जहां 21.54 फीसदी थी, वह 2001-11 में घटकर 17.64 फीसदी हो गई। इस लिहाज से कुल 36 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में से 24 में जनसंख्या स्थिर बनी हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र विश्व जनसंख्या दिवस को लेकर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जनसंख्या वृद्धि के गंभीर परिणाम झेल रहे राज्यों में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए एक मिशन आधारित रणनीति पर विचार किया जा सकता है।'
उन्होंने कहा, 'विकास कार्यों के साझेदार और गैर सरकारी संगठनों को इसमें प्रमुख भूमिका निभानी होगी। हमारे संसाधन कितने ही प्रभावी क्यों न हों, हम अकेले इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते।'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा, 'हमने 1952 में जनसंख्या संबंधी अपना कार्यक्रम शुरू किया था। इसके सकारात्मक परिणाम नजर आ रहे हैं।'
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