नई दिल्ली:
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को निर्देश दिया है कि वह एक भारतीय कैदी से मिलने के लिए राजनयिक पहुंच मांगने को कहा, जिस पर कम से कम तीन बार पेशावर जेल में हमला हुआ है.
मुंबई निवासी हामिद निहाल अंसारी को 2012 में अफगानिस्तान से अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसने पर गिरफ्तार किया गया था. वह कथित तौर पर एक लड़की से मिलने अफगानिस्तान से पाकिस्तान पहुंचा था, जिसके साथ उसकी ऑनलाइन दोस्ती हुई थी. उस पर पेशावर केंद्रीय कारागार में कैदियों ने हमला किया जिसमें वह घायल हो गया है.
सुषमा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हामिद अंसारी पर बार-बार हमले की खबर को पढ़कर मैं व्यथित हूं. वह 2012 से पेशावर जेल में बंद है. यह अमानवीय है.’’ सुषमा ने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त से हामिद अंसारी से अस्पताल, जेल में राजनयिक पहुंच की अनुमति मांगने और इस बारे में जानकारी देने को कहा है।’’
31 वर्षीय अंसारी को जाली पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने को लेकर सैन्य अदालत ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी. अंसारी के वकील काजी मोहम्मद अनवर ने पेशावर उच्च न्यायालय की एक पीठ से गुरुवार को कहा था कि उनके मुवक्किल पर हाल के महीनों में जेल के कैदियों ने कम से कम तीन बार हमले किए. (विदेश मंत्री सुषमा स्वराज)
मुंबई निवासी हामिद निहाल अंसारी को 2012 में अफगानिस्तान से अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसने पर गिरफ्तार किया गया था. वह कथित तौर पर एक लड़की से मिलने अफगानिस्तान से पाकिस्तान पहुंचा था, जिसके साथ उसकी ऑनलाइन दोस्ती हुई थी. उस पर पेशावर केंद्रीय कारागार में कैदियों ने हमला किया जिसमें वह घायल हो गया है.
सुषमा ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘हामिद अंसारी पर बार-बार हमले की खबर को पढ़कर मैं व्यथित हूं. वह 2012 से पेशावर जेल में बंद है. यह अमानवीय है.’’ सुषमा ने कहा, ‘‘मैंने पाकिस्तान में अपने उच्चायुक्त से हामिद अंसारी से अस्पताल, जेल में राजनयिक पहुंच की अनुमति मांगने और इस बारे में जानकारी देने को कहा है।’’
I am very much disturbed to read about repeated attacks on Hamid Ansari who is detained in Peshawar jail since 2012. It is inhuman. /1
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2016
31 वर्षीय अंसारी को जाली पाकिस्तानी पहचान पत्र रखने को लेकर सैन्य अदालत ने तीन साल के कारावास की सजा सुनाई थी. अंसारी के वकील काजी मोहम्मद अनवर ने पेशावर उच्च न्यायालय की एक पीठ से गुरुवार को कहा था कि उनके मुवक्किल पर हाल के महीनों में जेल के कैदियों ने कम से कम तीन बार हमले किए.
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