राजस्थान परमाणु ऊर्जा स्टेशन का यूनिट-5 लगातार 765 दिनों के परिचालन के साथ सबसे लंबे समय तक चलने वाला विश्व का दूसरे सबसे बड़ा रिएक्टर बन गया और इसी के साथ भारत के परमाणु कार्यक्रम ने एक नई उंचाइयों को छू लिया।
इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र का यूनिट-5 में परिचालन 2 अगस्त, 2012 से निर्बाध ढंग से चल रहा है और यह 105 फीसदी की क्षमता के साथ परिचालित हो रहा है। परिचालन आरंभ होने के बाद से यह 425.8 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन कर चुका है।
इस सयंत्र की शुरुआत फरवरी, 2010 में हुई थी और तबसे यह 98.5 फीसदी क्षमता के साथ परिचालित हो रहा है और अब तक 866.3 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन कर चुका है।
परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव रतन कुमार सिन्हा ने कहा कि यह प्रगति कुडनकुलम परमाणु उर्जा स्टेशन के यूनिट-1 से बड़ी है और भारत में स्वदेशी स्तर पर विकसित पीएचडब्ल्यूआर तकनीक का नतीजा है।
उन्होंने कहा, 'यह सिर्फ भावुक क्षण नहीं है, बल्कि गौरवान्वित करने वाला लम्हा है। दुनिया में ऐसे सिर्फ 10 रिएक्टर हैं जो 500 से अधिक दिनों तक निरंतर निर्बाध ढंग से परिचालित हुए हैं।'
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