
सोमवार से अब तक ग्रेटर नोएडा इलाके में नाइजीरियाई विद्यार्थियों पर कम से कम पांच हमले हो चुके हैं...
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छात्रों पर हमलों के मामले में नाइजीरिया ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया
ग्रेटर नोएडा में पांच बार नाइजीरियाई विद्यार्थियों पर हमले किए गए हैं
नाइजीरिया ने कहा, हमलावरों की तुरंत गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए
सोमवार शाम को ग्रेटर नोएडा में ही तीन नाइजीरियाई विद्यार्थियों पर लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने हमला किया था. दरअसल, यह भीड़ 12वीं कक्षा के छात्र मनीष खत्री की मौत के बाद विरोध मार्च निकाल रही थी. माना जाता है कि मनीष खारी की मौत ड्रग्स के ओवरडोज़ की वजह से हुई थी. हमलावरों का आरोप था कि इस इलाके में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिक ही ड्रग्स के फैलाव की वजह हैं.
उसी शाम हुए दूसरे हमले में अंसल प्लाज़ा मॉल के भीतर भी भीड़ ने नाइजीरियाई छात्र को पीटा गया था. इस वारदात के बेहद विचलित कर देने वाले वीडियो में साफ देखा जा सकता था कि छात्र को लात-घूंसों के अलावा स्टील के बने स्टूलों, कूड़ेदानों से भी मारा गया था.
ख़बरों के मुताबिक, नाइजीरियाई सरकार ने 'दोनों देशों के बीच शानदार संबंधों' की पृष्ठभूमि में इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि उनके विद्यार्थी पीटे जा रहे हैं, और उनमें से कई 'गंभीर रूप से घायल' हुए हैं.
इन हमलों का मामला गुरुवार को भारतीय संसद में भी उठाया गया, और उच्च सदन राज्यसभा के सदस्यों ने वारदात की कड़ी निंदा किए जाने की मांग की. राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा, "हम अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भारतीयों पर होने वाले हमलों की निंदा कर रहे हैं... सो, हमारे देश में होने वाले नस्लवादी हमलों को भी न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता... बेहद कड़ा कदम उठाया जाना चाहिए... कोई भी भारतीय इसे जायज़ नहीं ठहराएगा... सरकार को बहुत सतर्क रहना चाहिए..."
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