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This Article is From Feb 11, 2021

लद्दाख से भारतीय और चीनी टैंकों ने पीछे हटना शुरू किया : देखें पहला Video

भारत और चीन ने पश्चिम हिमालय के टकराव वाले क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटने पर राजी हुए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में इसकी जानकारी दी.

भारतीय और चीनी टैंक इस वीडियो (Ladakh video) में पीछे की ओर जाते दिख रहे हैं.

नई दिल्ली:

भारत और चीन (India China army) ने पश्चिम हिमालय के टकराव वाले क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटने पर राजी हुए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को संसद में इसकी जानकारी दी.भारत औऱ चीनी सेना के टैंक लद्दाख में मौजूदा स्थिति से पीछे हटते दिखाई दे रहे हैं. भारतीय रक्षा सूत्रों ने यह वीडियो (Ladakh video) जारी किया है. दोनों देशों के बीच लद्दाख के पैंगोंग सो (Pangong Tso) इलाके में कई महीनों से जारी गतिरोध को खत्म करने पर सहमत हुए हैं और पीछे हट रहे हैं. 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि भारत और चीन पश्चिम हिमालय के गतिरोध वाले क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हुए हैं. राजनाथ ने संसद में कहा कि 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पैंगोंग सो झील में सैन्य स्थिति को लेकर दोनों देश कई दौर की सैन्य वार्ता और कूटनीतिक संवाद के बाद सहमति पर पहुंचे हैं. 

राजनाथ ने कहा, चीन से हमारी लगातार बातचीत के बाद के कारण हम पैंगोंग सो झील के उत्तरी और दक्षिण किनारे से हम सहमति के इस बिंदु तक पहुंचे हैं. चीन के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा था कि दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे झील के किनारे से हटना शुरू हो गए हैं. दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल में शुरू हुआ था, जब भारत ने कहा था कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control ) के काफी अंदर तक घुस आए थे. 

दोनों देशों के बीच सीमा पर गतिरोध अप्रैल में शुरू हुआ था, जब भारत ने कहा था कि चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के काफी अंदर तक घुस आए थे. चीन ने पहले कहा था कि उसके सैनिक उसके अपने इलाके में हैं और उसने भारतीय सैनिकों पर भड़काऊ कार्रवाई का आरोप लगाया था. 15 जून को भारत और चीनी पक्ष के बीच गलवान घाटी में हिंसक टकराव हुआ था, जिसमें 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. दोनों देशों के बीच 45 सालों में पहला खूना टकराव था. इस खूनी जंग में कई चीनी सैनिक भी मारे गए थे, जिनकी कोई अधिकृत संख्या पता नहीं चल पाई है. 

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