सूत्रों के अनुसार, हासिमारा में कम से कम एक राफेल बेड़ा तैनात किया जा सकता है (PTI Photo)
हासीमारा (पश्चिम बंगाल):
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल अरुप राहा ने शनिवार को कहा कि भारत और फ्रांस के बीच 36 राफेल युद्धक विमानों के लिए सौदा इस साल के अंत तक हो सकता है। यह पूछे जाने पर कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए लंबित सौदा कब तक पूरा होने की उम्मीद है, राहा ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि यह इस साल के अंत तक हो जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हम इसके जल्द होने की उम्मीद कर रहे हैं।'
मिग विमानों को तत्काल बदलना चाहती है वायुसेना
भारतीय वायु सेना पुरानी हो चुकी सोवियत संघ के जमाने के मिग विमानों को तत्काल बदलना चाहती है। अपने बेड़े में नए विमानों को शामिल करने के लिए वह लंबे समय से प्रतीक्षारत है। भारत और फ्रांस सौदे को सफल बनाने के लिए वार्ता में लगे हुए हैं, जबकि मिस्र को राफेल विमान बेहद पसंद आए, जो उसे जुलाई में उपलब्ध कराया गया था।
फ्रांस द्वारा मिस्र को विमानों की आपूर्ति के बाद फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यवेस ल द्रियां ने काहिरा का दौरा किया था। वे 31 अगस्त को भारत का भी दौरा करने वाले थे और उसी समय समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना थी। वह हालांकि वार्ता के लंबा खिंचने की संभावना के कारण मिस्र से सीधे यूरोप चले गए। तब भारतीय रक्षा मंत्रालय ने उनकी यात्रा कार्यक्रम को स्वीकृति नहीं दी थी।
फ्रांस के साथ पटरी पर वार्ता
फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा रिचियन के मुताबिक रक्षा मंत्री को यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शिरकत करने के लिए यूरोप पहुंचना था। रक्षा मंत्रालय में रक्षा साजो-सामान की खरीद के लिए सबसे उच्च संस्था डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में एक सितंबर को वार्ता में प्रगति की समीक्षा की थी। सूत्रों ने कहा कि वार्ता पटरी पर है और दोनों पक्षों ने संतोष जताया है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'वार्ता पटरी पर है। डीएसी ने इस बारे में पुष्टि की है और उन्होंने वार्ता को आगे बढ़ाने को कहा है।'
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायु सेना द्वारा 126 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निकाली गई निविदा में पांच अन्य प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए बहुद्देशीय लड़ाकू विमान राफेल ने सबसे कम बोली लगाकर ठेका हासिल किया था। इसके कुछ दिनों बाद भारत ने घोषणा की कि वह केवल 36 राफेल खरीदेगा। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वीकार किया था कि 126 युद्धक विमानों के लिए निकाली गई निविदा का अब कोई मतलब नहीं रहा।
इस परिदृश्य में बीते तीन अक्टूबर को वायु सेना प्रमुख राहा ने इसी तरह की प्रतिक्रिया जताई थी। भारत-भूटान सीमा से करीब 15 किलोमीटर दूर हासीमारा पूर्वी क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण वायु सेना अड्डा है। यहां मिग 27 के दो बेड़े तैनात हैं, जिनकी जगह अगले कुछ वर्षो में नए लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे। दोनों दस्तों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया। इसी मौके पर राहा यहां पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, यहां कम से कम एक राफेल बेड़ा तैनात किया जा सकता है।
अगले दो-तीन वर्षों में बेड़े से हटा दिया जाएगा मिग 27
इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में राहा ने कहा था कि राफेल, मिग की जगह लेने वाले लड़ाकू विमानों में से एक है। उन्होंने कहा, 'मिग 27 को अगले दो-तीन वर्षों में बेड़े से हटा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को किस तरह से अंजाम देना है, इसके लिए हमारे पास रोडमैप है।' उन्होंने कहा, 'इस क्रम में राफेल हमारी योजना में है। साथ ही एसयू30 एमकेआई, जिसका निर्माण भारत में हो रहा है और एसीए भी हमारी सूची में है।' इस वक्त भारतीय वायु सेना के पास 33 लड़ाकू बेड़े हैं।
मिग विमानों को तत्काल बदलना चाहती है वायुसेना
भारतीय वायु सेना पुरानी हो चुकी सोवियत संघ के जमाने के मिग विमानों को तत्काल बदलना चाहती है। अपने बेड़े में नए विमानों को शामिल करने के लिए वह लंबे समय से प्रतीक्षारत है। भारत और फ्रांस सौदे को सफल बनाने के लिए वार्ता में लगे हुए हैं, जबकि मिस्र को राफेल विमान बेहद पसंद आए, जो उसे जुलाई में उपलब्ध कराया गया था।
फ्रांस द्वारा मिस्र को विमानों की आपूर्ति के बाद फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां-यवेस ल द्रियां ने काहिरा का दौरा किया था। वे 31 अगस्त को भारत का भी दौरा करने वाले थे और उसी समय समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना थी। वह हालांकि वार्ता के लंबा खिंचने की संभावना के कारण मिस्र से सीधे यूरोप चले गए। तब भारतीय रक्षा मंत्रालय ने उनकी यात्रा कार्यक्रम को स्वीकृति नहीं दी थी।
फ्रांस के साथ पटरी पर वार्ता
फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा रिचियन के मुताबिक रक्षा मंत्री को यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शिरकत करने के लिए यूरोप पहुंचना था। रक्षा मंत्रालय में रक्षा साजो-सामान की खरीद के लिए सबसे उच्च संस्था डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल (डीएसी) ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में एक सितंबर को वार्ता में प्रगति की समीक्षा की थी। सूत्रों ने कहा कि वार्ता पटरी पर है और दोनों पक्षों ने संतोष जताया है। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'वार्ता पटरी पर है। डीएसी ने इस बारे में पुष्टि की है और उन्होंने वार्ता को आगे बढ़ाने को कहा है।'
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायु सेना द्वारा 126 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए निकाली गई निविदा में पांच अन्य प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए बहुद्देशीय लड़ाकू विमान राफेल ने सबसे कम बोली लगाकर ठेका हासिल किया था। इसके कुछ दिनों बाद भारत ने घोषणा की कि वह केवल 36 राफेल खरीदेगा। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वीकार किया था कि 126 युद्धक विमानों के लिए निकाली गई निविदा का अब कोई मतलब नहीं रहा।
इस परिदृश्य में बीते तीन अक्टूबर को वायु सेना प्रमुख राहा ने इसी तरह की प्रतिक्रिया जताई थी। भारत-भूटान सीमा से करीब 15 किलोमीटर दूर हासीमारा पूर्वी क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण वायु सेना अड्डा है। यहां मिग 27 के दो बेड़े तैनात हैं, जिनकी जगह अगले कुछ वर्षो में नए लड़ाकू विमान तैनात किए जाएंगे। दोनों दस्तों को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया। इसी मौके पर राहा यहां पहुंचे थे। सूत्रों के अनुसार, यहां कम से कम एक राफेल बेड़ा तैनात किया जा सकता है।
अगले दो-तीन वर्षों में बेड़े से हटा दिया जाएगा मिग 27
इससे पहले संवाददाताओं से बातचीत में राहा ने कहा था कि राफेल, मिग की जगह लेने वाले लड़ाकू विमानों में से एक है। उन्होंने कहा, 'मिग 27 को अगले दो-तीन वर्षों में बेड़े से हटा दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को किस तरह से अंजाम देना है, इसके लिए हमारे पास रोडमैप है।' उन्होंने कहा, 'इस क्रम में राफेल हमारी योजना में है। साथ ही एसयू30 एमकेआई, जिसका निर्माण भारत में हो रहा है और एसीए भी हमारी सूची में है।' इस वक्त भारतीय वायु सेना के पास 33 लड़ाकू बेड़े हैं।
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