प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में निर्माणाधीन रतले जल विद्युत परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा चिंता जताने के बाद भारत ने बातचीत के माध्यम से मुद्दे के समाधान की मांग की है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि औपचारिक पत्र लिख कर सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत चेनाब नदी पर बन रही 850 मेगावॉट की बिजली परियोजना पर भारत से तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की पाकिस्तान की मांग के जवाब में केंद्र ने यह जवाब दिया है।
सूत्रों ने बताया कि भारत के सिंधु जल आयुक्त को 20 दिन पहले भेजे गए एक पत्र में पाकिस्तान ने परियोजना के डिजाइन पर कुछ शंका प्रकट की थी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया 'हमने पाकिस्तान सरकार को दस दिन पहले जवाब लिखा है। हमने मुद्दे पर बातचीत की मांग की है।' अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के मध्य सिंधु जल आयोग की अगली बैठक की तारीख अभी तय की जानी है।
सिंधु जल संधि के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल आयुक्त के स्थायी पद को बनाया था। प्रावधानों के तहत आयुक्त संधि के तहत मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत कर सकते हैं। मुद्दे का समाधान नहीं होने पर तटस्थ विशेषज्ञ, वार्ताकारों या मध्यस्थता अदालत पर विचार किया जा सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2013 में चेनाब नदी पर विद्युत संयंत्र का शिलान्यास किया था।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि औपचारिक पत्र लिख कर सिंधु जल संधि के प्रावधानों के तहत चेनाब नदी पर बन रही 850 मेगावॉट की बिजली परियोजना पर भारत से तटस्थ विशेषज्ञ की नियुक्ति की पाकिस्तान की मांग के जवाब में केंद्र ने यह जवाब दिया है।
सूत्रों ने बताया कि भारत के सिंधु जल आयुक्त को 20 दिन पहले भेजे गए एक पत्र में पाकिस्तान ने परियोजना के डिजाइन पर कुछ शंका प्रकट की थी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया 'हमने पाकिस्तान सरकार को दस दिन पहले जवाब लिखा है। हमने मुद्दे पर बातचीत की मांग की है।' अधिकारी ने बताया कि दोनों देशों के मध्य सिंधु जल आयोग की अगली बैठक की तारीख अभी तय की जानी है।
सिंधु जल संधि के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान ने सिंधु जल आयुक्त के स्थायी पद को बनाया था। प्रावधानों के तहत आयुक्त संधि के तहत मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए बातचीत कर सकते हैं। मुद्दे का समाधान नहीं होने पर तटस्थ विशेषज्ञ, वार्ताकारों या मध्यस्थता अदालत पर विचार किया जा सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2013 में चेनाब नदी पर विद्युत संयंत्र का शिलान्यास किया था।
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