केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
लखनऊ:
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि यह वार्ता भारत ने नहीं, बल्कि पाकिस्तान ने खुद एजेंडे से भटकते हुए निरस्त की है।
राजनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के तीन-दिवसीय दौरे के अंतिम दिन एक कार्यक्रम में कहा, पाकिस्तान के साथ बातचीत का प्रस्ताव रद्द होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। यह वार्ता पाकिस्तान ने रद्द की है। हम तो वार्ता करना चाहते थे।
उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित वार्ता उफा में हुई दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत के आधार पर होनी थी। पाकिस्तान को उफा में तय एजेंडा से भटकना नहीं चाहिए था। उसने खुद ही एजेंडे से भटक कर वार्ता रद्द की। आगे भी हमारी पाकिस्तान से सौहार्दपूर्ण संबंधों की कोशिश रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान कश्मीर को एजेंडा में शामिल करना चाहता है, गृह मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत तो उफा में तय एजेंडा के आधार पर ही होगी। कश्मीर किसी एजेंडा में शामिल नहीं है। अगर उसे इस मुद्दे पर बात करनी ही थी तो यह पहले ही क्यों नहीं तय कर लिया। यह मुद्दा तो कभी था ही नहीं।
पाकिस्तान द्वारा हुर्रियत से बातचीत करने को पुरानी परिपाटी बताए जाने पर राजनाथ ने कहा, उफा में एजेंडा तय हो गया था कि भारत पाकिस्तान के बीच ही बातचीत होगी, कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की मंशा का सवाल है, तो यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत बराबर चाहता है कि हमारे पड़ोसियों से रिश्ते मधुर हों। भविष्य में पाकिस्तान से बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, यह तो पाकिस्तान से पूछिए।
राजनाथ ने अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ के तीन-दिवसीय दौरे के अंतिम दिन एक कार्यक्रम में कहा, पाकिस्तान के साथ बातचीत का प्रस्ताव रद्द होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखना चाहते हैं। यह वार्ता पाकिस्तान ने रद्द की है। हम तो वार्ता करना चाहते थे।
उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित वार्ता उफा में हुई दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की बातचीत के आधार पर होनी थी। पाकिस्तान को उफा में तय एजेंडा से भटकना नहीं चाहिए था। उसने खुद ही एजेंडे से भटक कर वार्ता रद्द की। आगे भी हमारी पाकिस्तान से सौहार्दपूर्ण संबंधों की कोशिश रहेगी।
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान कश्मीर को एजेंडा में शामिल करना चाहता है, गृह मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत तो उफा में तय एजेंडा के आधार पर ही होगी। कश्मीर किसी एजेंडा में शामिल नहीं है। अगर उसे इस मुद्दे पर बात करनी ही थी तो यह पहले ही क्यों नहीं तय कर लिया। यह मुद्दा तो कभी था ही नहीं।
पाकिस्तान द्वारा हुर्रियत से बातचीत करने को पुरानी परिपाटी बताए जाने पर राजनाथ ने कहा, उफा में एजेंडा तय हो गया था कि भारत पाकिस्तान के बीच ही बातचीत होगी, कोई तीसरा पक्ष नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत की मंशा का सवाल है, तो यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत बराबर चाहता है कि हमारे पड़ोसियों से रिश्ते मधुर हों। भविष्य में पाकिस्तान से बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा, यह तो पाकिस्तान से पूछिए।
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