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This Article is From Jan 29, 2015

जांबाज कर्नल एमएन राय को सेना प्रमुख ने दी श्रद्धांजलि, नम हुई सभी की आंखें

नई दिल्ली:

देश के लिए जान देने वाले जांबाज शहीद कर्नल एमएन राय को नम आंखों से आज श्रद्धांजली दी गई। दिल्ली लाए गए शहीद के शव को आज सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने श्रद्धांजलि दी। इससे पहले कर्नल राय के पिता और परिवार के सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। उनके तीन बच्चे आखिरी दर्शन के लिए पहुंचे तो उनकी भावनाएं उफान पर थीं। वह 27 जनवरी को जम्मू-कश्मीर के त्राल में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए थे। उन्हें शहिद होने से एक दिन पहले ही युद्ध सेवा मेडल देने का ऐलान हुआ था।

वहीं सेना ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वह हमेशा अभियानों में आगे रहकर मोर्चा संभालते थे और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में युवकों से संपर्क साधते थे।

42 राष्ट्रीय राइफल्स के कर्नल मुनींद्र नाथ राय (39) को सोमवार को ही सैन्य पदक से सम्मानित किया गया था। वह पुलवामा जिले के त्राल में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों के एक गुट से संघर्ष करते हुए शहीद हो गए, जिन्हें उन्होंने समर्पण करने का मौका दिया था।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्नल राय की कार्रवाई के चलते अभियान के दौरान अनेक नागरिकों को हताहत होने से बचा लिया गया। मुठभेड़ में जम्मू कश्मीर के विशेष अभियान समूह (एसओजी) के हेड कांस्टेबल संजीव कुमार सिंह भी शहीद हो गए। इस अभियान में दो आतंकवादियों को भी ढेर कर दिया गया।

सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने भी कर्नल राय की प्रशंसा करते हुए कहा कि युवा अधिकारी ने दूसरों के लिए नेतृत्व की मिसाल पेश की थी। उन्होंने कहा, वह बहुत बहादुर अधिकारी थे और 26 जनवरी को उन्हें युद्ध सेवा पदक से विभूषित किया गया था। जनरल सिंह ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मैं कहूंगा कि यह बहुत बहादुरी का काम था और यह इस ओर भी इशारा करता है कि हमारी सेना के अधिकारी आगे रहकर मोर्चा संभालते हैं। जनरल साहा ने कहा, बहादुर लोगों के सर्वोच्च बलिदान से कश्मीर में सुरक्षा के प्रति शत्रुतापूर्ण भाव रखने वाले सभी तत्वों के खिलाफ संघर्ष की हमारी प्रतिबद्धता मजबूत होगी। इस अवसर पर कर्नल राय के मित्रों एवं सहयोगियों ने उनके योगदान को याद किया। वह पिछले एक वर्ष में शहीद होने वाले वरिष्ठतम अधिकारियों में एक हैं।

साहा ने कहा कि जब उस मकान को घेरा गया, जिसमें आतंकवादी छिपे थे तब एक आतंकवादी के पिता और भाई ने राय से सम्पर्क करते हुए दावा किया कि आतंकी आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। राय ने ऐसा करने का मौका भी दिया, लेकिन आतंकवादी अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए मकान से निकले जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।

साहा ने कहा कि राय ने युवाओं को जोड़ने के लिए कई पहल की थी जिसमें क्रिकेट और फुटबाल प्रतियोगिता आयोजित करना शामिल है।

(इनपुट्स एजेंसी से भी)

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