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This Article is From Dec 01, 2020

किसान आंदोलन पर जस्टिन ट्रूडो के बयान की भारत ने की आलोचना, बताया 'गैरजरूरी और अनुचित'

किसानों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के अन्य नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने इन्हें ‘भ्रामक सूचनाओं’ पर आधारित और ‘अनुचित’ बताया है.

किसान आंदोलन पर जस्टिन ट्रूडो के बयान की भारत ने की आलोचना, बताया 'गैरजरूरी और अनुचित'
जस्टिन ट्रूडो ने एक वीडियो में किसान आंदोलन पर टिप्पणी की थी.
नई दिल्ली:

किसान आंदोलन (Farmers Protests) पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Canada PM Justin Trudeau) की तरफ से मंगलवार को आई टिप्पणी पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. ट्रूडो का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कई टिप्पणियां की थीं. उन्होंने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा था कि कनाडा शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के अधिकार का बचाव करता है. भारत ने उनके बयान को 'भ्रामक सूचनाओं' पर आधारित बताया है.

किसानों के विरोध प्रदर्शन के संबंध में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और वहां के अन्य नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने इन्हें ‘भ्रामक सूचनाओं' पर आधारित और ‘अनुचित' बताया क्योंकि यह मामला एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘हमने कनाडाई नेताओं द्वारा भारत में किसानों से संबंधित कुछ ऐसी टिप्पणियों को देखा है जो भ्रामक सूचनाओं पर आधारित है. इस तरह की टिप्पणियां अनुचित हैं, खासकर जब वे एक लोकतांत्रिक देश के आंतरिक मामलों से संबंधित हों.' मंत्रालय ने एक संदेश में कहा, ‘बेहतर है कि कूटनीतिक बातचीत राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं की जाए.'

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ट्रूडो ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की गई एक वीडियो में कहा है, ‘हालात बेहद चिंताजनक हैं और हम परिवार और दोस्तों को लेकर परेशान हैं. हमें पता है कि यह कई लोगों के लिए सच्चाई है. आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के अधिकार की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा.' उन्होंने कहा, ‘हम बातचीत में विश्वास करते हैं. हमने भारतीय अधिकारियों के सामने अपनी चिंताएं रखी हैं.'

उनके इस बयान पर शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी विरोध जताया था और कहा था कि वो ट्रूडो की भावना से प्रभावित हैं लेकिन यह चूंकि भारत का आंतरिक मामला है, ऐसे में उन्हें इसपर बयानबाजी करने से बचना चाहिए.

(भाषा से इनपुट के साथ)

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