विज्ञापन
This Article is From Jul 08, 2019

'आतंकवाद को वैधता' देने वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर भारत ने जताया कड़ा ऐतराज

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा जम्मू-कश्मीर को लेकर जारी रिपोर्ट पर अपना कड़ा ऐतराज जताया है.

'आतंकवाद को वैधता' देने वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर भारत ने जताया कड़ा ऐतराज
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय द्वारा जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) को लेकर जारी रिपोर्ट पर अपना कड़ा ऐतराज जताया है. भारत ने सोमवार को कहा यह झूठ और राजनीति से प्रेरित विमर्श की निरंतरता भर है. साथ ही यह पाकिस्तान से होने वाले आतंकवाद के मूल मुद्दे की अनदेखी करने जैसा है. बता दें कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त (ओएचसीएचआर) ने कश्मीर पर अपनी पहली रिपोर्ट जारी की थी. अब सोमवार को उसने अपनी उसी रिपोर्ट की अगली कड़ी में दावा किया कि न तो भारत ने और न ही पाकिस्तान ने उसके द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए कोई ठोस कदम उठाया है.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने किया अजीत डोभाल को फोन, कहा - पाक से आतंक के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद

इस रिपोर्ट के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि ओएचसीएचआर की रिपोर्ट की अगली कड़ी जम्मू कश्मीर की स्थिति पर उसके पिछले झूठे और राजनीति से प्रेरित विमर्श की निरंतरता भर है. उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट में कही गई बातें भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करती हैं और उसमें सीमापार आतंकवाद के मूल मुद्दे की अनदेखी की गयी है. कुमार ने कहा कि वर्षों से पाकिस्तान से जो सीमापार आतंकवाद चल रहा है, उससे उत्पन्न स्थिति का और उसकी वजह से होने वालों हताहतों का हवाला दिये बगैर विश्लेषण किया गया है. यह दुनिया के सबसे बड़े और जीवंत लोकतंत्र के साथ आतंकवाद का खुलेआम समर्थन करने वाले देश की कृत्रिम रूप से बराबरी करने की काल्पनिक कोशिश भर है. उन्होंने कहा कि हमने मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय से इस कड़ी को लेकर कड़ा एतराज जताया है.

सुषमा का नवाज को जवाब, हमने मित्रता का पैमाना खड़ा किया तो हमें पठानकोट और उरी मिले

गौरतलब है कि इससे पहले भारत ने पिछले साल भी संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. उस दौरान भारत ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के हनन को लेकर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को भारत ने 'भ्रामक' बताकर खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्टो का तीखा जवाब देते हुए कहा था कि ये तथ्यात्मक रूप से गलत, किसी खास मकसद से और शरारत के तहत है. हम इस रिपोर्ट की मंशा पर सवाल उठाते हैं.

यह भी पढ़ें : 'कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघनों पर रोक लगे'

मंत्रालय ने कहा था कि इसमें ऐसी जानकारी दी गई है जिसका कोई आधार ही नहीं है. ये रिपोर्ट भेदभाव वाली और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है. भारत ने कहा था कि यह भी चिंता की बात है कि इस रिपोर्ट में यूएन से घोषित आतंकवादियों को नेता और हथियारबंद गुट कहा गया है. 

यह भी पढ़ें : मानवाधिकार आयोग ने 'मानव ढाल' बनाए गए डार को 10 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया

विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि रिपोर्ट पूरी तरह से पूर्वाग्रह से प्रेरित है और गलत तस्वीर पेश करने का प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि जारी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात कही थी और इस बारे में अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की थी.

VIDEO : कश्मीर भारत का हिस्सा है और हमेशा रहेगा : यूएन में सुषमा स्वराज

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
उज्जैन : महिला को पहले जबरन शराब पिलाया फिर बलात्कार किया, वीडियो वायरल
'आतंकवाद को वैधता' देने वाली संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर भारत ने जताया कड़ा ऐतराज
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस की 34 उम्मीदवारों पर लगी मुहर, जानिए कब आएगी लिस्ट
Next Article
हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस की 34 उम्मीदवारों पर लगी मुहर, जानिए कब आएगी लिस्ट
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com