भारत, पाकिस्तान ने एक-दूसरे को सौंपी अपनी जेलों में बंद कैदियों की सूची

पाकिस्तान से कहा गया कि वह उन नौ भारतीय असैन्य नागरिकों और 229 भारतीय मछुआरों को जल्द रिहा करे जो सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी नागरिकता की पुष्टि हो चुकी है.

भारत, पाकिस्तान ने एक-दूसरे को सौंपी अपनी जेलों में बंद कैदियों की सूची

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

नई दिल्‍ली:

भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे की जेलों में बंद असैन्य कैदियों और मछुआरों की सूची रविवार को एक-दूसरे को सौंपी. ऐसा द्विपक्षीय समझौते के एक प्रावधान के तहत किया गया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ एक सूची साझा की है जिसके मुताबिक उसकी हिरासत में 53 असैन्य नागरिक और 418 मछुआरे हैं. पाकिस्तान के मुताबिक ये लोग या तो भारतीय हैं या फिर माना जाता है कि वह भारतीय हैं. मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य के मुताबिक पाकिस्तान से कहा गया कि वह उन नौ भारतीय असैन्य नागरिकों और 229 भारतीय मछुआरों को जल्द रिहा करे जो सजा पूरी कर चुके हैं और जिनकी नागरिकता की पुष्टि हो चुकी है. भारत ने भी पाकिस्तान को 249 असैन्य कैदियों और 108 मछुआरों की सूची सौंपी है जो पाकिस्तान के नागरिक हैं और भारत की जेलों में बंद हैं. ये सूचियां मई 2008 में हुए राजनयिक पहुंच से संबंधित द्विपक्षीय समझौते के तहत साझा की गई हैं.

कैदियों की सूची साल में दो बार एक जनवरी को और एक जुलाई को साझा की जाती है. पाकिस्तानी जेलों में बंद भारतीयों में कुलभूषण जाधव और हामिद नेहल अंसारी भी शामिल हैं. हालांकि विदेश मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कैदियों के नाम का जिक्र नहीं है.

जाधव को जासूसी के आरोप में मार्च 2016 में गिरफ्तार किया गया था और पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है. सजा सुनाए जाने के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसने पिछले वर्ष मई में जाधव को मौत की सजा देने पर रोक लगा दी थी.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि मानवीय मुद्दों और खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और मानसिक रूप से बीमार कैदियों के मामलों को सुलझाने के लिए भारत ने पुनर्गठित संयुक्त न्यायिक समिति का ब्योरा साझा किया है. इसने मांग की है कि भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम को पाकिस्तान का दौरा करने दिया जाए ताकि वे मानसिक रूप से बीमार कैदियों से मुलाकात कर सकें. विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान से कहा गया है कि वह मछुआरों के एक प्रतिनिधिमंडल को दौरे की अनुमति दे ताकि वहां जब्त मछली मारने वाली भारतीय नौकाओं को जल्द से जल्द वापस लाया जा सके.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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