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This Article is From Jan 28, 2015

भारत न तो सेक्युलर न ही सोशलिस्ट : शिवसेना नेता संजय राउत

भारत न तो सेक्युलर न ही सोशलिस्ट : शिवसेना नेता संजय राउत
शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो)
मुंबई:

शिवसेना की चले तो वह संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद शब्द हटा दे। पार्टी सांसद संजय राउत के इस बयान पर हंगामा खड़ा हो गया है।

नागपुर में मीडिया के सामने संजय राउत ने कहा, यह देश कभी सेक्युलर नहीं था, 1947 में विभाजन धर्म के आधार पर हुआ है और पाकिस्तान धर्म के आधार पर बना है। पाकिस्तान मुसलमानों के लिए बना है, तो हिन्दुस्तान हिन्दुओं के लिए है, तो यह देश सेक्युलर नहीं है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कई अकबारों में विज्ञापन दिया था, इस विज्ञापन से सेक्युलर और सोशलिस्ट जैसे शब्द गायब थे। राउत ने इस भयानक भूल को कुछ अलग तरीके से परिभाषित करते हुए कहा कि यह महज़ विज्ञापन नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों की भावना है। बालासाहेब ठाकरे ने भी बार-बार कहा है कि ये हिन्दू राष्ट्र है।

विपक्षी कांग्रेस ने इस मुद्दे पर हमलावर तेवर अपनाते हुए प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी से सफाई भी मांगी है। कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि अगर इन लोगों पर छो़ड़ दिया जाए, तो ये लोग देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को ख़त्म कर देंगे। इससे साफ पता चलता है कि गणतंत्र दिवस के विज्ञापन में ग़लती नहीं हुई, बल्कि ये एक सोची समझी साज़िश थी, क्या ये संविधान को सांप्रदायिकता से बदलना चाहते हैं।

वैसे इस मुद्दे पर शिवसेना ने आधिकारिक तौर पर संजय राउत का बचाव नहीं किया है और न ही बीजेपी इस बारे में कोई प्रतिक्रिया दे रही है। वैसे संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द 1976 में 42वें संशोधन के जरिये जोड़े गए थे।

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