भारत को बुधवार सुबह एक बड़ी कामयाबी मिली है. भारत ने नए स्पाई सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. यह सैटेलाइट मौसम खराब होने की स्थिति में भी नजर रखने में सक्षम होगा. इसरो ने इसके पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल का प्रयोग करके 615 किलो RISAT-2B सैटेलाइट को लॉन्च किया. इससे दिन, रात और मौसम खराब होने की स्थिति में भी साफ नजारा दिख सकेगा. बुधवार को सुबह 5.30 बजे इसरो प्रमुख डॉ के सिवान ने इस मिशन को 'फैनटास्टिक मिशन' कहा. स्पेस एजेंसी 353 सैटेलाइट कक्षा में भेज चुकी है. इसके साथ ही इसने अंतरिक्ष में 50 टन सामग्री ले जाने की अधिकतम सीमा को पार कर दिया. डॉ सिवान ने कहा, ' RISAT-2B सैटेलाइट में खास तौर पर तस्वीर लेने की खूबियां हैं.' लॉन्चिंग में पहली बार भारत में निर्मित विक्रम प्रोसेसर का प्रयोग किया गया है.
Indian Space Research Organisation (ISRO) launches PSLVC46 from Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota. PSLVC46 will launch the RISAT-2B radar earth observation satellite into a 555 km-altitude orbit. pic.twitter.com/iY2paDVjls
— ANI (@ANI) May 22, 2019
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स्पेस एजेंसी ने इसके बारे में जानकारियां साझा नहीं की थी और ना ही सेटेलाइट की फोटो शेयर की थी. ऐसा रणनीतिक जरूरत के लिए किया गया था. बता दें कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी कैंपों पर हमला करने के लिए मिराज-2000 भेजा था. कुछ एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया था कि उस दौरान भारी बादलों की वजह से भारतीय सैटेलाइट धुंधले हो जाएंगे. जिसका नतीजा यह हुआ कि अब तक जारी किए गए ऑपरेशन की कोई छवि या वीडियो नहीं है. इस वजह से विपक्ष ने एयर स्ट्राइक के सबूत भी मांगे.
लेकिन नए रडार सेट से स्पेस एजेंसी को उम्मीद है कि वह भारतीय सेना को पूर्वी और पश्चिमी बॉर्डर पर निगरानी करने के लिए होने वाली गतिविधियों को ट्रैक करने की नई क्षमता देगी, RISAT-2B सैटेलाइट को अहमदाबाद के स्पेश एप्लीकेशन सेंटर में बनाया गया है जो स्पेशल एक्स बैंड रडार की क्षमता रखता है जिससे बेहतर पिक्चर आती है. यह पहली बार है जब भारत ने अंतरिक्ष में इस तरह से स्वदेशी तकनीक लॉन्च की हो.
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इससे पहले भी भारत ने दो सैटेलाइट लॉन्च किए थे. इसका नाम RISAT-1 और RISAT-2 था. RISAT-1 को 2017 में मृत घोषित कर दिया गया था इसलिए इससे बालाकोट स्ट्राइक के प्रभाव को रिकॉर्ड नहीं किया जा सका. बीते साल 9 जुलाई को पाकिस्तान ने भी PAKTES 1A सैटेलाइट लॉन्च किया था. इसरो के सूत्रों ने बताया, 'RISAT-2B को 15 महीने पहले ही रिलीज किया गया था और इसकी जिंदगी केवल 5 साल है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसके 2 क्लोन RISAT-BR1 और RISAT-2BR2 आने वाले महीनों में लॉन्च किए जाएंगे.'
इसरो द्वारा अगली लॉन्चिंग चंद्रयान-2 की होगी. अंतरिक्ष एजेंसी ने इस महीने के प्रारंभ में कहा था कि 9 से 16 जुलाई, 2019 के दौरान चंद्रयान - 2 को भेजे जाने के लिए सारे मोड्यूल तैयार किए जा रहे हैं. चंद्रयान - 2 के छह सितंबर को चंद्रमा पर उतरने की संभावना है. ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की दूरी पर उसका चक्कर लगाएगा, जबकि लैंडर (विक्रम) चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर आसानी से उतरेगा और रोवर (प्रज्ञान) अपनी जगह पर प्रयोग करेगा.
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