विज्ञापन
This Article is From Aug 03, 2020

भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत चली 10 घंटे, LAC पर और तनाव कम करने पर हुई चर्चा - सूत्र

बातचीत की पूरी डिटेल अभी सामने नहीं आई है लेकिन जानकारी है कि कमांडरों की बैठक में दोनों देशों के बीच LAC (Line of Actual Control) पर तनाव को और कम करने पर चर्चा हुई है.

भारत-चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत चली 10 घंटे, LAC पर और तनाव कम करने पर हुई चर्चा - सूत्र
भारत-चीन के लेफ्टिनेंट कमांडरों को बीच पांचवें दौर की बातचीत खत्म. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

India-China Ladakh Standoff: लद्दाख में भारत-चीन के बीच मौजूदा तनाव को कम करने को लेकर  भारत और चीन में रविवार को बातचीत का पांचवां दौरा खत्म हुआ है. सूत्रों के मुताबिक, भारत और चीन के लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारियों के बीच चीन की तरफ मोलडो में पांचवें दौर की बातचीत कल रात 9 बजे खत्म हुई. यह बैठक सुबह 11 बजे शुरू होकर लगभग 10 घंटे चली. हालांकि, बातचीत की पूरी डिटेल अभी सामने नहीं आई है लेकिन जानकारी है कि कमांडरों की बैठक में दोनों देशों के बीच LAC (Line of Actual Control) पर तनाव को और कम करने पर चर्चा हुई है.

जानकारी है कि इस बैठक में पैंगोंग त्सो फिंगर एरिया को लेकर बातचीत हुई है. बैठक में पैंगोंग त्सो क्षेत्र में फौजों की वापसी को लेकर बातचीत हुई है. पिछले कुछ वक्त से इस एरिया में चीनी सेना की ओर से भारतीय सेना की पेट्रोलिंग में अवरोध डाला गया है, इसलिए यह एरिया विवाद में है. अब कोर कमांडर अपनी रिपोर्ट आर्मी कमांडर को देंगे और आर्मी कमांडर सेना प्रमुख को.

यह भी पढ़ें: लद्दाख में LAC से पूरी तरह पीछे हटने के चीन के दावे पर भारत ने दिया जवाब

इसके बाद सोमवार शाम चाइना स्टडी ग्रुप की एक अहम बैठक हो सकती है, जिसमें कोर कमांडर स्तरीय बातचीत पर विचार विमर्श किया जाएगा. इसके बाद ही सेना या विदेश मंत्रालय की ओर से कोई बयान जारी किया जाएगा.

दरअसल, चाइना स्टडी ग्रुप चीन से जुड़े विषयों पर बना सरकार का एक समूह है जिसमें कैबिनेट सेक्रेटरी, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और देश की सुरक्षा से जुड़े मंत्रालयों के बड़े नौकरशाह शामिल होते हैं. यह समूह चीन से जुड़े नीतिगत मामलों पर निर्णय लेता है. चाइना स्टडी ग्रुप 1976 में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की सिफारिश पर बना है. शुरुआत में इसकी अध्यक्षता विदेश सचिव के हाथों में थी, अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इसकी अध्यक्षता करते हैं.

ग़ौरतलब है कि चीन ने इससे पहले हुई कोर कमांडर स्तरीय बातचीत में निर्धारित बातों का हूबहू पालन नहीं किया है . खासकर गोगरा और फिंगर इलाके से चीनी सैनिक वापस नही हटे है . भारत चाहता है कि चीनी सैनिक अप्रैल 2020 पहले वाली स्थिति में लौटे. यानी चीनी सैनिक पैंगोंग लेक के फिंगर 8 से पीछे जाए. साथ ही ऐसे जगहों से सैनिकों को पीछे ले जाए जहां अप्रैल से पहले चीनी सैनिक तैनात थे.

यह भी पढ़ें: लद्दाख में LAC से पूरी तरह पीछे हटने के चीन के दावे पर भारत ने दिया जवाब

इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों के बीच 6 जून और 22 जून को चीन के मोलडो में और 30 जून और 14 जुलाई को चुशुल में बैठक हुई थी. बता दें कि अप्रैल से ही पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों और LAC पर भारत-चीन के बीच गतिरोध चल रहा है, अभी इसके लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल ही रही थी, तबतक 15 जून की रात में लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच बड़ी हिंसक झड़प हो गई, जिसमें 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान दे दी, वहीं जानकारी थी कि चीन के 40 से कुछ ज्यादा चीनी सैनिकों को भी नुकसान हुआ है. हालांकि, चीन की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं दिया गया.

Video: भारत-चीन के बीच पांचवें दौर की लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com