(प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:
चीन और भारत के अधिकारियों ने शुक्रवार को बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में यहां बताया, 'दोनों देशों के बीच रचनात्मक और दूरंदेशी तरीकों से चर्चा हुई.' बयान के अनुसार, 'दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के सभी पक्षों की स्थितियों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों की सतत वृद्धि के लिए सीमा क्षेत्र पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए.'
यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब कुछ माह पहले भूटान में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी और इससे क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया था. बाद में अगस्त में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के फैसले के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था.
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इससे पहले इस माह की शुरुआत में चीन ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल यात्रा का विरोध किया था, लेकिन भारत ने इस राज्य को कड़ाई से भारत का अभिन्न अंग बताया था. इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव(पूर्व एशिया) प्रणव राय और चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में महानिदेशक जिआओ क्यान मौजूद थे.
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मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों की तरफ से कूटनीतिक एवं सैन्य अधिकारी शामिल थे. वीएमसीसी की स्थापना भारत और चीन की सीमा पर शांति स्थापना के मद्देनजर समन्वय व परामर्श के लिए कार्यतंत्र गठित करने और दोनों देशों के बीच संचार मजबूत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब कुछ माह पहले भूटान में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी और इससे क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया था. बाद में अगस्त में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के फैसले के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था.
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इससे पहले इस माह की शुरुआत में चीन ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल यात्रा का विरोध किया था, लेकिन भारत ने इस राज्य को कड़ाई से भारत का अभिन्न अंग बताया था. इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव(पूर्व एशिया) प्रणव राय और चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में महानिदेशक जिआओ क्यान मौजूद थे.
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मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों की तरफ से कूटनीतिक एवं सैन्य अधिकारी शामिल थे. वीएमसीसी की स्थापना भारत और चीन की सीमा पर शांति स्थापना के मद्देनजर समन्वय व परामर्श के लिए कार्यतंत्र गठित करने और दोनों देशों के बीच संचार मजबूत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी.
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