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आयकर अधिकारियों को कथित रूप से धमकाने के मामले में उनकी शीर्ष संस्था ने बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी से माफी मांगने को कहा है। संगठन का कहना है कि गडकरी की टिप्पणियों का मकसद उनके पूर्ती समूह में निवेश के मामले में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच में बाध
हालांकि गडकरी ने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने आयकर अधिकारियों को कभी धमकी दी है, लेकिन इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी ‘पूर्ती समूह’ से कथित तौर पर जुड़ी कुछ कंपनियों पर छापेमारी उनकी और पार्टी की छवि को धुमिल करने की साजिश है।
संगठन का कहना है कि गडकरी की टिप्पणियों का मकसद उनके पूर्ती समूह में निवेश के मामले में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच में बाधा डालना था।
आईआरएस संघ ने रविवार को जारी अपने प्रस्ताव में कहा कि संगठन कुछ कंपनियों द्वारा संदिग्ध कर चोरी के मामले में जांच कर रहे आयकर विभाग के अधिकारी नितिन गडकरी द्वारा दी गई कथित धमकी के संबंध में राष्ट्रीय अखबारों में आई खबर से बहुत हैरान और स्तब्ध हैं। संघ ने कहा है कि राष्ट्रीय स्तर के नेता की इस तरह की भाषा निंदनीय है। संघ ने गडकरी से माफी मांगने को कहा है। आईआरएस 4,000 सदस्यों वाली प्रभावशाली संस्था है।
उल्लेखनीय है कि गडकरी ने बीजेपी अध्यक्ष का पद छोड़ने के एक दिन बाद 24 जनवरी को नागपुर में कहा था कि बीजेपी अगर केंद्र की सत्ता में आ गई, तो जांच करने वाले अधिकारियों को कोई नहीं बचा पाएगा। आईआरएस संघ ने मामले में काम कर रहे अपने अधिकारियों के लिए सुरक्षा मुहैया कराने की भी मांग की।
पूर्ती समूह में कथित अनियमितताओं के मामले में मुंबई, पुणे और नागपुर में आयकर विभाग के अधिकारी तफ्तीश कर रहे हैं। अधिकारियों ने अपनी जांच के तहत गडकरी को निजी तौर पर एक फरवरी को पेश होने के लिए भी कहा है। संघ के प्रस्ताव में कहा गया है, संघ मांग करता है कि महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था को संभालने वाले अधिकारी उनके (गडकरी के) बयान पर स्वत: संज्ञान लें, क्योंकि यह स्पष्ट तौर पर सरकारी सेवक को उसका काम करने से रोकने के इरादे से किया गया।
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